निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए इस बार मुख्य चुनाव आयोग ने आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों पर नकेल कसने की पूरी तैयार कर ली है।लोकसभा चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद राजनीतिक पार्टियों में बैठक का दौर शुरू हो गया है। भाजपा- कांग्रेस जहां लोकसभा सीट हाासिल करना चाह रही है। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही है।
इस बीच बताते चले लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बावजूद महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के तालमेल को लेकर घमासान जारी है | अधिक से अधिक सीटों पर दावा ठोकते हुए कांग्रेस ने बिहार में भी उत्तर प्रदेश जैसा फार्मूला अपनाने की बात कही जबकि महागठबंधन के सबसे बड़े घटक राजद ने कांग्रेस को तीन से चार दिनों के अंदर सीटों पर फैसला करने का अल्टीमेटम दिया है ।
बिहार में लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी महागठबंधन में सीटों का पेंच फंसता दिख रहा है. महागठबंधन के घटक दलों आरजेडी, कांग्रेस, रालोसपा और हम के बीच सीटों को लेकर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है.
इस बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट के जरिए इशारों में कांग्रेस और सहयोगी दलों को नसीहत दी थी. उन्होंने साफ किया कि अगर कांग्रेस ने अपना अहंकार नहीं छोड़ा तो सहयोगी दल उसका साथ छोड़ सकते हैं. वहीं तेजस्वी के इस ट्वीट से कांग्रेस आलाकमान नाराज है और खबर है कि तेजस्वी आज दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं.
संविधान और देश पर अभूतपूर्व संकट है। अगर अबकी बार विपक्ष से कोई रणनीतिक चुक हुई तो फिर देश में आम चुनाव होंगे या नहीं, कोई नहीं जानता? अगर अपनी चंद सीटें बढ़ाने और सहयोगियों की घटाने के लिए अहंकार नहीं छोड़ा तो संविधान में आस्था रखने वाले न्यायप्रिय देशवासी माफ़ नहीं करेंगे।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 16, 2019
सूत्रों के मुताबिक
बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस 11 सीट से कम पर मानने को तैयार नहीं, जबकि आरजेडी उसे 8 से ज्यादा सीट देने के मूड में नहीं दिख रही. उधर रालोसपा 5 सीटों पर अड़ी हुई, जबकि कांग्रेस कुशवाहा की पार्टी को 5 सीटें देने को तैयार नहीं. इन दोनों पार्टियों के बीच पूर्वी चंपारण को लेकर भी पेंच फंसा हुआ है. कांग्रेस और रालोसपा दोनों पूर्वी चंपारण सीट पर अड़े हुए हैं. वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी चाहते हैं कि सीटों के बंटवारे में उनका हिस्सा आरएलएसपी से कतई कम न हो.
बताते चलें कि बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटों पर 7 चरणों में चुनाव होंगे. बिहार में 11 अप्रैल, 18 अप्रैल, 23 अप्रैल, 29 अप्रैल, 6 मई, 12 मई और 19 मई को वोटिंग होगी. वहीं 23 मई को वोटों की गिनती होगी.