कृष्णा कॉलेज बिजनौर के विज्ञान विभाग द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन,शोध ज्ञान के विविध पक्षों में गहनता और सूक्ष्मता लाता है: अंकित अग्रवाल

भास्कर समाचार सेवा

बिजनौर।विज्ञान एक व्यवस्थित प्रक्रिया है जिसमें किसी भी चीज के तथ्यों की सच्चाई निर्धारित करने के लिए विभिन्न सिद्धांतों, सूत्रों, कानूनों और विचारों का विश्लेषण और मूल्यांकन किया जाता है। यह व्यवस्थित प्रक्रिया हमारे आस-पास की प्रकृति या ब्रह्मांड में होने वाली किसी भी प्रकार की गतिविधि का अध्ययन करती है और नया ज्ञान उत्पन्न करती है तथा शोध अनेक नवीन कार्यविधियों व उत्पादों को विकसित करता है। शोध ज्ञान के विविध पक्षों में गहनता और सूक्ष्मता लाता है।इसी तथ्य को आत्मसात करते हुए आज के युवाओं को विज्ञान और उससे सम्बंधित शोध का परिचय करने हेतु कृष्णा कॉलेज बिजनौर के प्रांगण में विज्ञान विभाग द्वारा “ग्लोबल ट्रेंड्स इन साइंस, रिसर्च एंड एडवांस्ड टेक्नोलॉजी” विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि जिलाधिकारी बिजनौर अंकित अग्रवाल , कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रामजस कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रोफेसर सुरेश कुमार, सी.एस.आई.आर एन.पी.एल नई दिल्ली से वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ मुकेश जावरिया, एफ.आर. आई. देहरादून से वैज्ञानिक श्रेणी ‘‘ई’’ डॉ देवेंद्र कुमार जी, महाविद्यालय संस्थापक निदेशक राजीव कुमार, प्रबंधक मनोज कुमार, निदेशक पवन कुमार, योजना और विकास अधिकारी कृष्णा कॉलेज डॉ एस.सी. जैन, कृष्णा कॉलेज ऑफ लॉ प्राचार्य डॉ परवेज अहमद खान, कृष्णा कॉलेज ऑफ साइंस प्राचार्या डॉ सीमा शर्मा, फार्मेसी काॅलेज प्राचार्य डा0 अंकित कुमार सैनी द्वारा ज्ञान की देवी माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। दीप प्रज्वलन के समय महाविद्यालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना की जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया।मुख्य अतिथियों का स्वागत महाविद्यालय प्रबन्धन द्वारा प्लांटर व स्मृति चिन्ह देकर किया गया।साइंस कॉलेज प्राचार्या डॉ सीमा शर्मा द्वारा कार्यक्रम को मुख्य विषय वस्तु से जोड़ते हुए आज के समारोह का मुख्य उद्देश्य सबके समक्ष उजागर किया। उन्होंने बताया विज्ञानं संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य युवा छात्रों के मन में वैज्ञानिक जाँच और विश्लेषणात्मक सोच की भावना पैदा करना है।मुख्य अतिथि जिलाधिकारी बिजनौर अंकित अग्रवाल ने अपने सम्बोधन में प्रेरित करते हुए कहा की इस प्रकार से महत्वपूर्ण एवं स्वतंत्र विचारों को बढ़ावा मिलता है और सेमिनार के विभिन्न विषयों पर मौलिक विचारों का निर्माण होता है।आज के कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, औषधीय पादप अनुसंधान प्रयोगशाला, रामजस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रोफेसर सुरेश कुमार ने अपने लेक्चर में विस्तार से बताया की एथेनोबॉटनी किस तरीके से मानव जीवन से सम्बंधित है एवं साथ ही ये भी बताया की औषधिय पौधे किस प्रकार से विभिन्न प्रकार के खतरनाक रोगों जैसे कैंसर आदि के लिए औषधी बनाने में उपयोग होते हैं।मुख्य वक्ता, सी.एस.आई.आर-राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला, नई दिल्ली से वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ मुकेश जावरिया ने अपने सम्बोधन में टेरा हर्टज तकनीकी के विाय में बताया कि यह 21वीं सदी का क्रांति लाने वाला क्षेत्र है जो कि आर्टिफिशियल इण्टेलीजेंस, कृाि क्षेत्र, चिकित्सा क्षेत्र आदि में अवलोकनार्थ उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग 5जी तकनीकी में भी होता है।मुख्य वक्ता, एफ.आर.आई. देहरादून से वैज्ञानिक डॉ0 देवेंद्र कुमार ने पेड़-पौधों के बीजों की उच्चतम गुणवत्ता पाने के लिए अनुवांषिक रुप से शुद्ध बीजों के संग्रह के माध्यमों का वर्णन किया।सेमिनार में विज्ञान के विभिन्न विषयों से सम्बंधित 70 से अधिक शोध पत्रों को प्रकाशित किया गया। ये शोध पत्र राज्य व अन्य राज्यों के विभिन्न महाविद्यालय एवं विश्वविदयालय के प्रवक्ताओं व विद्यार्थिओं द्वारा प्रस्तुत किये गए थे।कार्यक्रम का सं्चालन सेमिनार की संयोजिका डॉ0 पूनम गुप्ता और प्रवक्ता राजविंदर कौर द्वारा किया गया।कार्यक्रम के सफल आयोजन में डा0 मौ0 अज़हर खान, डा० शालिनी शर्मा, डा0 पायल राठी, डॉ शोमा, डॉ दीपक त्यागी, डॉ रिदिन सक्सेना, संजीव चैधरी, सुनील कुमार, विशाल विक्रम सिंह व अन्य प्रवक्ताओं का विशेष योगदान रहा।

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