धान क्रय केंद्र पर लगा धान खरीद में धांधली का आरोप

धान खरीद में बिचौलियों का रोकें हस्तक्षेप। तहसीलदार को पत्र लिख कर किसानो ने की शिकायत।

किसानो की शिकायत के पश्चात एसडीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार ने क्रय केंद्र का किया निरीक्षण।

मिहींपुरवा/बहराइच l तहसील मिहींपुरवा में धान क्रय केंद्र हेतु कुल 17 क्रय केंद्र बनाये गये हैं जिनमें एक दो क्रय केंद्रों को छोड़ दें तो लगभग सभी क्रय केंद्रो में खरीद चालू भी हो गयी है। शासन की ओर से प्रदत्त निर्देशों के अनुसार धान खरीद कराने हेतु राजस्व विभाग की टीम लगातार क्रय केन्द्रों का निरीक्षण भी कर रही है किंतु इन सबके बावजूद किसानो को क्रय केंद्रो पर विभिन्‍न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।


गुरुवार को तहसील मिहींपुरवा के ग्राम बखारी थाना मोतीपुर निवासी अशोक कुमार सिंह पुत्र आधार सिंह ने   विकासखंड मिहींपुरवा परिसर में स्थित पीसीएफ काोपरेटिव सोसाइटी पर किसानो से प्रति कुंटल धान खरीद पर 300 रुपये मांगे जाने का आरोप लगाते हुये उपजिलाधिकारी मिहींपुरवा को पत्र लिख कार्यवाही की  मांग की। किसानो की शिकायत पर एसडीएम मिहींपुरवा ने नायब तहसीलदार को मौके पर जांच हेतु भेजा। नायब तहसीलदार मिहीपुरवा शशांक नाथ उपाध्याय ने क्रय केंद्र पर पहुंच आरोपो की जांच की तथा क्रय केंद्र पर मौजूद किसानो से बात चीत भी की। बातचीत के दौरान केंद्र पर मौजूद किसान तेजनाथ यादव, पप्पू सिंह एंव संदीप सिंह आदि ने बताया कि कि धान खरीद शुरू हुए अभी महज कुछ दिन हुए हैं इतनी जल्दी 150 टोकन कट जाना ही खरीद केंद्र में बिचौलियों व्यापारियों की मिलीभगत का संदेह पैदा करता है उन्होने कहा कि जब किसान क्रय केंद्र पर आसानी से धान नही बेच पाते है तो उनकी मजबूरी का फायदा उठा कर बिचौलिये  किसान से कम मूल्य पर धान खरीद लेते है फिर यही व्यापारी क्रय केंद्र की मिलीभगत से उसी किसान की खतौनी पर टोकन लेकर उस धान को क्रय केंद्र पर बेच देते है।


किसानो की शिकायत पर नायब तहसीलदार मिहींपुरवा शशांक नाथ उपाध्याय ने क्रय केंद्र संचालक से शिकायतो के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करते हुये लिखित में जवाब मांगा। उन्होने सभी क्रय केंद्र संचालको से शासन के निर्देशानुसार क्रय केंद्र का संचालन करने के निर्देश दिये तथा किसी भी किसान को क्रय केंद्र पर कोई अवैध धनराशि न देने को कहा उन्होने कहा कि यदि किसी केंद्र पर किसानो से किसी भी तरह की वसूली की मांग की जाती है तो उसकी सूचना तत्काल तहसील प्रशासन को दें।