डासना की जिला जेल में मोदी योगी जेपी नड्डा और संगठन मंत्री की पेंटिंग ने मन लिया मोह

बंदियों द्वारा बनाई गई पेंटिंग को बड़े ही खूबसूरत तरीके से बनाया 

जेल प्रशासन बंदियों को बना रहा आत्मनिर्भर

पेंटिंग सीखकर बंदी बन रहे आत्मनिर्भर

भास्कर समाचार सेवा
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश की सबसे हाईटेक जेल कहलाने वाली डासना की जिला जेल में प्रदेश सरकार के दिशा निर्देश अनुसार जेल विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देशन में बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने में अहम योगदान दिया जा रहा है। जिससे कि बंदियों की रिहाई के बाद अपने परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी का निर्वाह बखूबी कर सकें। इसको लेकर तमाम तरह के कार्यक्रम को इंडिया विजन फाउंडेशन के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। इसी कड़ी में आर्ट पेंटिंग में भी बंदी अपने हाथ आजमा रहे हैं। गौरतलब है कि जहां जेलों को लोग गलत नजरिये से देखते हैं। वही जेलों में अब सुधार गृह के तौर पर बंदियो को सुधारने का कार्य कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया जा रहा है। यानी कि सरकार की मंशा के अनुरूप बंदी दुवारा गलती से किए गए कार्य का पछतावा कर बंदी अब खुद को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य करते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। जेल प्रशासन द्वारा बंदियों को इस मामले में मानवाधिकार के तमाम नियमों के अनुसार कार्य करते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। डासना की जिला जेल में देखा जा रहा है कि डीजी जेल एसएन साबत के निर्देशन में जेल विभाग के आदेश पर सुधार ग्रह के रूप में जेलों की व्यवस्था बनाई गई है। यानी कि जहां बंदी पहली बार गलती करने के बाद उसका पछतावा करते हैं तो उन्हें जेल प्रशासन अब पूरा सहयोग करता हुआ दिखाई दे रहा है। लिहाजा देखा जा रहा है कि जेलों में बंदी अपनी गलती का पछतावा कर अवसाद से ग्रस्त होने पर उन्हें जेल प्रशासन द्वारा तमाम तरह के कार्यक्रम और आयोजन के चलते उन्हें अवसाद से ग्रस्त होने से बचाने का कार्य भी करती हुई दिखाई दे रही है। इसी कड़ी में इंडिया विजन फाउंडेशन के सहयोग से डासना की जिला जेल में ऐसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिससे बंदी आत्मनिर्भर होकर जेल से रिहा के बाद अपने परिवार का पालन पोषण कर सके। यानी कि आत्मनिर्भर होकर अपनी गलती का पश्चाताप कर रिहाई के बाद अपने परिवार का पालन पोषण करने की जिम्मेदारी का निर्वाह कर सके। जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने दैनिक भास्कर संवाददाता एमजे चौधरी को बताया कि शासन की मंशा के अनुरूप जेल प्रशासन के दिशा निर्देशों पर जेल में बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने में एक कदम आगे रहते हुए उन्हें सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। जहां इंडिया विजन फाउंडेशन के सहयोग से कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। वहीं बन्दियों को जिस कार्यक्रम के जरिये इच्छाशक्ति से जो कार्य सीखने और वह अपने परिवार का पालन पोषण कर सके। उस कार्य को सिखाया जा रहा है । आर्ट पेंटिंग के जरिए जिस तरह बन्दियों ने आर्ट पेंटिंग में हाथ आजमा रहे हैं और उसे सीख कर बेहतर और सही ढंग से कार्य कर रहे हैं। उससे बंदियों में रिहाई के बाद अपने परिवार के पालन पषण करने की जिम्मेदारी और उसका निर्वाह करने की ललक भी दिखाई दे रही है। लिहाजा तमाम तरह के बंदी अलग अलग तरीके से आत्मनिर्भर होकर रिहाई के बाद अपने परिवार का पालन पोषण भी करने के लिए प्रणय ले रहे हैं। जेल प्रशासन की समस्त टीम द्वारा बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने में अहम योगदान दिया जा रहा है।

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