पाकिस्तान भुखमरी की कगार पर है. पूरी दुनिया में मदद की गुहार लगा रहा है. इस देश की इतनी बुरी हालत के लिए यहां का आतंकवाद जिम्मेदार है. यही वजह है कि दुनिया का कोई भी देश पाकिस्तान में निवेश करने को तैयार नहीं है. इसके बाद भी वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. भारतीय सेना ने सीमा पार से पाकिस्तानी घुसपैठ पर नकेल कसी है तो अब वो अशांति फैलाने के लिए ड्रोन के जरिए हथियारों की खेप भेज रहा है. सुरक्षाबलों के लिए आतंकियों के खिलाफ अभियान में यह सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है. जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में ड्रोन से हथियारों को पहुंचाकर अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है.
दिलबाग सिंह ने कहा, पाकिस्तान आतंकियों की भी घुसपैठ कराने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि ड्रोन के जरिए हथियारों की खेप पहुंचाना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इस रोकने में सफल रहे हैं और कुछ सफलता भी मिली है.
जम्मू कश्मीर के डीजीपी ने आगे कहा- “जम्मू कश्मीर में आतंकी संगठनों को सभी संभव मदद पहुंचाकर पाकिस्तान आतंकवाद को घाटी में बढ़ावा दे रहा है. हम ड्रग्स तस्करों से कड़ाई से निपटेंगे. पाकिस्तान टेरर फंडिंग के लिए नार्को टेररिज्म का इस्तेमाल कर रहा है.”
इधर, शनिवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सुरक्षा एजेंसियों की मदद से एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए राजौरी जिले से हथियारों से लैस लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया. जम्मू क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक मुकेश सिंह ने मीडिया को बताया कि राजौरी जिले में पुलिस की टीमों ने शनिवार सुबह भारी संख्या में हथियारों से लैस 3 आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों का संबंध कुख्यात आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से हैं. यह सभी आतंकवादी कश्मीर क्षेत्र से आ रहे थे.
पुलिस के मुताबिक आतंकवादियों को राजौरी जिले के गुर्दन गांव से गिरफ्तार किया गया और ये दक्षिण कश्मीर के शोपियां और पुलवामा जिले के रहने वाले हैं. गिरफ्तार आतंकवादियों के पास से दो एके-56 राइफल, छह एके मैगजीन और उसकी 180 राउंड गोलियां, दो चीनी पिस्तौल, तीन अन्य पिस्तौल और उसकी 30 राउंड गोलियां, 4 ग्रेनेड, 2 पैकेट और एक लाख रुपये नकदी भी बरामद की गई हैं.
गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों की पहचान पुलवामा के राहिल बशीर और आमिर जान उर्फ हमज़ा जबकि शोपियां के हफीज युनूस वानी के रूप में की गई है.