नरेन्द्र मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर संबंधी अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाए जाने के फैसले से पाकिस्तान बोखलाहट में है। पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि वह भारत के इस फैसले का हर स्तर पर और हर तरीके से विरोध करेगा।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर के विवादित क्षेत्र के बारे में एकतरफा फैसला किया है, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के प्रस्तावों के खिलाफ है। भारत की कार्रवाई न तो जम्मू-कश्मीर के लोगों और न ही पाकिस्तान को स्वीकार है। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर विवाद में एक पक्ष है और वह भारत की इस गैर-कानूनी कार्रवाई का हर तरीके से विरोध करेगा।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत की इस कार्रवाई से कश्मीर का मुद्दा फिर जिंदा हो गया है। इससे भारत का तथाकथित लोकतांत्रिक चेहरा पूरी दुनिया के समाने बेनकाब हो गया है।
अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्तान के शेयर बाजार में भारी गिरावट
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में कैबिनेट की जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश को संसद में पेश करने की खबर के बाद से पाकिस्तान का शेयर बाजार लड़खड़ा गया है।
दरअसल, अमित शाह ने कैबिनेट द्वारा सोमवार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने की सिफारिश को राज्यसभा में पेश किया, जिसे राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी भी मिल गई है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का भी विधेयक पेश हुआ। इसमें लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर से जुड़े इन फैसलों की खबर जैसे ही मीडिया में आई, पाकिस्तानी शेयर बाजार भरभराकर गिर गया। शेयर बाजार का मुख्य बेंचमार्क इंडेक्स केएसई-100 में आज 600 अंकों की भारी गिरावट आई, जिसके बाद ये 31,100 पर आ गए।
पाकिस्तान शेयर बाजार में यह गिरावट पिछले कारोबारी दिन के मुकाबले करीब 1.75 फीसदी से अधिक है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी शेयर बाजार पिछले दो साल में दुनिया का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला रहा है। बता दें कि जब भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद एयरस्ट्राइक किया था, तब भी पाकिस्तान के बाजार में बेचैनी बढ़ गई थी। उस वक्त भी पाकिस्तान के शेयर बाजार ने कुल तीन कारोबारी दिनों में 2000 अंकों से ज्यादा की बढ़त गंवा दी थी।