हिन्दुस्तान एक पाराम्परिक देश है और इस देश के एक अलग ही विशेषता हैं। इस देश की परम्परा ही इस देश की विरासत और अभिमान है। लेकिन समय के बदलते पहिये के साथ चलते हुए हम खुद को इतना बदल चुके है की अपनी परम्पराओ को निभाने और जताने का अवसर ही नहीं दिया। हमने अपनी सभ्यताओं को छोड़ कर पश्चिमी सभ्यता को अपनाना बेहत समझा जबकि पश्चिम के लोग हमारी सभ्यता का लोहा मानते है। जबकि हम अपने देश में ही अपनी खुद की परम्पराओ को भूल कर या फिर किसी न किसी तरीके से उसका मजाक बना देते है।
आज हम आपको कुछ हमारे देश की ऐसी ही सभ्यताओं के बारे में बताने जा रहे है। जिन्हे अकसर लोग नहीं मानते है और सायद इन्ही बजहो से लोगो को कभी न कभी मुसीबतो और दरिद्रता का सामना करना पड़ता है। और जो मनुष्य जान बुझ कर इन परम्पराओ का पालन नहीं करता है बाह कभी भी गरीबी से मुक्त नहीं हो पाता है। शास्त्रों के अनुसार इन सभी परम्पराओ को मनुष्य के लिए पूरा करना जरूरी होता है। अन्यथा बह मनुष्य जीवन परियन्त गरीबी से मुक्त नहीं हो पाता है।
इस लिए ध्यान रखे इन बातो का :-
1-गुरुवार को शेविंग करना
पुराणों के अनुसार गुरुवार का दिन यानि कि गुरु बृहस्पति का दिन माना जाता है। जो की देवताओ के गुरु है। कहा जाता है की जो मनुष्य इस दिन अपने बालो को काटता है उस मनुष्य का भगवान् जीवन परियन्त कभी भी साथ नहीं देता है। और इसी लिए गरीबी कभी भी उसका साथ नहीं छोड़ती है। इसीलिये पुराणों में इस बात की मनाही की गयी है की मनुष्य को गुरुवार के दिन अपने बालो को नहीं काटना चाइये।
2- नाखून काटना
आपने अक्सर देखा ही होगा कुछ लोग ऐसे भी होते है जो कि अपने मुंह के दांतो से अपने नाखुनो को चबाते रहते है। और कुछ लोग ऐसे भी होते है जो कि नाखुनो को रात के समय काटना पसंद करते है। लेकिन शास्त्रों में नाखुनो को रात के समय किसी भी तरह से काटना अपसकुन माना जाता है। जो मनुष्य रात में नाख़ून काटता है उसके घर कभी भी लक्ष्मी का वास नहीं होता।
3- तुलसी को स्पर्श करना
4- शाम के समय झाड़ू निकालना
आपने अपने पूर्बजों या बढे बूढ़ो से अक्सर सुना ही होगा कि बह लोग रात के समय घर के अंदर झाड़ू के प्रयोग का मना कर देते है। और इस बात का उल्लेख पुराणों में भी मौजूद है। पुराणों के अनुसार जिस घर के अंदर संध्या समय के बाद झाड़ू लगाने का काम किया जाता है। उस घर के अंदर दरिद्रता का वास होता है ,और ऐसा करने बाला घर कभी भी धन की प्राप्ति नहीं कर सकता है। और अगर हो सके तो झाड़ू शाम होने से पहले ही लगा ले।
5- स्त्री का अपमान
शास्त्रों में स्त्री को देवी का स्वरूप बताया गया है। एक स्त्री माँ का रूप होती है और उस स्त्री का अपमान करना या फिर उसके साथ किसी तरह की कोई मारपीट करना घोर पाप की संघ्या में आता है। फिर चाहे बह खुद की पत्नी हो या बेटी या फिर किसी अन्य पुरुष की स्त्री ,और जो पुरुष ऐसा करते है उनके घर हमेशा दरिद्रता बनी रहती है।
