पीलीभीत : जामा मस्जिद को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग में संरक्षित करने की मांग

दैनिक भास्कर ब्यूरो

पीलीभीत। शहर की जामा मस्जिद को पुरातत्व विभाग के सर्वेक्षण में संरक्षित करने की मांग की गई है। अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता ने मस्जिद को ऐतिहासिक धरोहर बताकर मांग पत्र सौंपा है।

अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री ने धरोहर की क्षति के विषय में संबोधित करते हुए कहा कि लोगों में जागरूकता की कमी के कारण धरोहर और संस्कृति का नुकसान हुआ है। संस्कृतिक धरोहर देश को पूरे विश्व में गौरवान्वित करती हैं। प्रधानमंत्री के इस बयान को लेकर शहर के सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता शिवम कश्यप ने पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के लखनऊ सर्किल के पुरातत्व अधिक्षण व डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार को संबोधित एक पत्र लिखा है।

पत्र में शहर की जामा मस्जिद का इतिहास उल्लेखित किया गया है। अधिवक्ता ने मांग पत्र में लिखा कि रोहिल्ला सरदार हाफिज रहमत खान ने 1769 में जामा मस्जिद को बनवाया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के आगरा सर्किल की सूची में 261 संख्या पर क्रमबद्ध है। मगर जामा मस्जिद को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने संरक्षित इमारत पर संरक्षण का शिला पट नहीं लगाया गया है और जनपद की सरकारी वेबसाइट पर भी संरक्षित इमारतों में अंकित नहीं है। जिले के अधिकतर लोगों को यह ज्ञात ही नहीं है कि यह धरोहर भारतीय पुरातत्व विभाग की संरक्षित इमारत है।

जनपद में टाइगर रिजर्व होने के कारण विदेशी सैलानी भी आते हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग इसका प्रचार प्रसार करे तो यह जनपद की ख्याति को विश्व भर में प्रसार करने में सहायता मिलेगी, साथ ही जनपद का गौरव भी बढ़ेगा। पूर्व में शिवम कश्यप ने इलाबास देवल पर भी पुरातत्व विभाग का सर्वे कार्य कराए जाने को पत्र लिखे है। अधिवक्ता ने बताया कि 10वीं शताब्दी के अति महत्वपूर्ण मूर्ति शिलालेख अवशेष हैं। विगत कई वर्षों से शिवम कश्यप पुरानी धरोहरों को सहेजने व संरक्षण के लिए कार्य कर रहे हैं।

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