दियोरिया कलां, पीलीभीत। पीडब्ल्यूडी विभाग के चहेते ठेकेदार सरकार की नीतियों को पलीता लगा रहे हैं। करोड़ों रुपए की लागत से दियोरिया कलां – घुंघचाई मार्ग निर्माण छह माह से ठप पड़ा है। रोड निर्माण होते ही पुराने पत्थर डालकर घोटाला किया गया। शिकायतों के बाद ठेकेदार ने काम बंद कर दिया और उसके बाद आज तक शुरू नहीं हो सका। उखड़े पड़े रोड से ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
दियोरिया कलां से घुंघचाई सड़क मार्ग पर दस किलोमीटर का रास्ता जंगल के अंदर से होकर गुजरता है। यहां से गुजरने वाले राहगीरों पर जंगली जानवरों बाघ आदि का खतरा हमेशा बना रहता है।दस किलोमीटर पीटीआर जंगल के अंदर की यह सड़क अत्यंत बदहाल स्थिति में है। पूरे रास्ते में ऊबड़-खाबड़ उखड़े हुए पत्थर पड़े हुए हैं। जंगल के अंदर से गुजरने वाले वाहनों के पहिए आए दिन जंगल के अंदर पड़े नुकीले पत्थरों से पंचर हो रहें हैं। लेकिन ठेकेदार सड़क निर्माण कार्य को लेकर अभी तक लापरवाह बना हुआ है। जब पीटीआर जंगल के अंदर सड़क निर्माण कार्य शुरू हुआ था तब राहगीरों ने सोचा कि अब इस सड़क पर सफर करना आसान हो जाएगा।
लेकिन ठेकेदार ने सड़क पर नुकीला पत्थर डालकर बदहाल स्थिति में छोड़ दिया। जिससे इस सड़क पर सफर करना राहगीरों के लिए भारी मुसीबत बन गया है। एक तो टाइगर रिजर्व जंगल के अंदर दस किलोमीटर अंदर का सफर और वह भी ऊबड़-खाबड़ नुकीले पत्थरों से भरा रास्ता दैनिक यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत से कम नहीं है। दियोरिया कलां के नईम खान ने बताया कि यह सड़क छह महीने से ऊबड़-खाबड़ बदहाल स्थिति में पड़ी हुई है। ऊपर से सड़क पर नुकीले पत्थर पड़े हुए हैं जिससे आए दिन वाहनों के टायर पंचर होते हैं। ठेकेदार ने सड़क को अधूरा छोड़ दिया। पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद को इस मामले पर संज्ञान लेते हुए ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई करना चाहिए।
दियोरिया के ही इमरान खान कहते हैं कि दियोरिया से घुंघचाई तक का सफर करना अत्यंत जोखिम भरा है। एक तो टाइगर रिजर्व जंगल में जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को जल्द ठेकेदार को सड़क निर्माण पूरा करने के निर्देश जारी करने चाहिए। ठेकेदार अफगन ने बताया कि खुद पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद यहां से लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हैं।
भ्रमण के दौरान बदहाल स्थिति में पड़ी हुई सड़क को देखा लेकिन अभी तक इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। गांव लभौआ निवासी दयाराम ने बताया कि दियोरिया घुंघचाई मार्ग जंगल के अंदर छह महीने से ऊबड़-खाबड़ उखड़े पत्थरों से बदहाल है। इस मार्ग पर खुद एक बार पूरनपुर जाते समय उसकी बाइक जंगल के अंदर पत्थरों से पंचर हो गई थी। पैदल पांच किलोमीटर का सफर जान जोखिम में डालकर तय किया। जंगल में किसी बाघ से सामना हो जाता तो फिर जान भी नहीं बचती। अधिकारियों को यह मार्ग गंभीरता से लेकर दुरुस्त करना चाहिए।