पीलीभीत। भारतीय न्याय संहिता 2023 में बदलाव के बाद पुलिस लाइन में आयोजित कार्यशाला के दौरान नई धाराओं का पाठ पढ़ाया गया। कार्यशाला में जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे।
पुलिस लाइन सम्मेलन कक्ष में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023, की कार्यशाला का आयोजन किया गया। तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई 2024 से लागू हो जाएंगे। सरकार ने 24 फरवरी 2024 को तीनों नये आपराधिक कानून की अधिसूचना जारी की थी। उसके बाद एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इसमें इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होने व इनमे हुए बदलाव के बारे में चर्चा हुई। नए कानून के लागू होने के बाद जो धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थीं,
उनमें भी बदलाव होगा। हत्या के लिए लगाई जाने वाली आईपीसी की धारा 302 अब धारा 101 कहलाएगी। ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 316 होगी। हत्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 कहलाएगी। वहीं दुष्कर्म के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 63 होगी। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह व पुलिस अधीक्षक अविनाश पाण्डेय ने कहा गया कि यह दंड संहिता से न्याय संहिता की ओर एक कदम है।
कार्यशाला में अपराधी को दण्ड एवं पीड़ित को न्याय के विशेष प्रावधानों का उल्लेख है। बदलाव भारतीय समाज की आवश्यकता और भावनाओं के अनुरूप है। कानून में संशोधन मुख्य रूप से अपराधी को दंड और पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए किया जा रहा है। कानून में संशोधन के दौरान महिलाओं की सुरक्षा और न्याय को प्राथमिकता दी गई है।
आतंक और संगठित अपराध के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। वैज्ञानिक और इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के महत्व को नए कानून में स्पष्ट किया गया है। कार्यशाला में अपर पुलिस अधीक्षक विक्रम दहिया, समस्त उपजिलाधीकारी व क्षेत्राधिकारी, समस्त तहसीलदार, विशेष लोक अभियोजक, समस्त थाना अध्यक्ष, प्रभारी आदि मौजूद रहे।