पीलीभीत : जिला अस्पताल में चल रहा मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटल में रेफर का धंधा

दैनिक भास्कर ब्यूरो

पीलीभीत। जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटल में रेफर करने का मामला सामने आया है। लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी मरीज की मौत हो जाने पर परिजनों ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। पीलीभीत माधोटांडा हाईवे पर छुट्टा पशुओं से मोटरसाइकिल टकराने के बाद श्रीपाल निवासी रानीगंज मथना जप्ती को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पूरनपुर में भर्ती कराने के बाद जिला हॉस्पिटल लाया गया था। आरोप है कि श्रीपाल को जिला हॉस्पिटल में भर्ती करने के बजाय प्राइवेट अस्पताल डॉ राकेश सिंह के पास भेजा गया। इसके बाद श्रीपाल के परिजनों से रूपये 75000 नगद जमा कराए गए। आरोप है कि इसके बाद उपचार के दौरान परिजनों को मिलने नहीं दिया और मामले की शिकायत पुलिस से की गई। फिर उपचार के नाम पर रुपए लिए जाते रहे।

चिकित्सक व स्टाफ पर लगा मारपीट करने का आरोप

इस दौरान अचानक चिकित्सक ने श्रीपाल की मौत होने की जानकारी दी और शव को ले जाने को कहा तो सनसनी फैल गई। आरोप है कि चिकित्सक लंबे समय तक श्रीपाल को ठीक होने का दावा करता रहा था। अचानक श्रीपाल को मृत घोषित करने के बाद कोहराम मच गया। इसके बाद 6 अप्रैल को मृतक श्रीपाल का भाई रामपाल राकेश सिंह के हॉस्पिटल पहुंचा और चिकित्सक से मृतक भाई श्रीपाल के उपचार की फाइल मांगी तो उसके साथ अभद्रता की गई। इतना ही नहीं आरोप है कि अस्पताल में उसे जातिसूचक गालियां दी। उसके बाद मृतक के पुत्र लालाराम ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र भेजकर चिकित्सक और हॉस्पिटल स्टाफ पर हत्या का केस दर्ज करने की मांग की है।

डॉ. आलोक कुमार, सीएमओ का बयान
जिला अस्पताल से निजी अस्पताल में रेफर मामले की जानकारी नहीं है , अगर ऐसा कुछ है तो निश्चित रूप से कार्रवाई कराई जायेगी।

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