दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। भाजपा सरकार में निरंतर बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगना तो दूर की बात अधिकारी शासन के दिशा निर्देशों को अनदेखा करते हुए वित्तीय अनियमितताओं को बढ़ावा दे रहे हैं। विकास कार्यों को आने वाली करोड़ों की धनराशि को हड़प करने के लिए अधिकारी निजी फार्म बनाकर करोड़ों के घोटाले को अंजाम देने की योजना बना चुके हैं। मामले की पोल खुलने के बाद खलबली मच गई हैं।
भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं का ब्लॉक बना विकासखंड पूरनपुर
विकासखंड पूरनपुर में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। क्षेत्र पंचायत निधि में मौजूद चार करोड़ रुपए का बंदरबांट करने के लिए अधिकारियों का कारनामा सुर्खियां बटोर रहा है। कार्यालय खंड विकास अधिकारी पूरनपुर की ओर से वित्तीय अनियमितताओं को बढ़ावा देते हुए करीब 4 करोड़ की भारी-भरकम धनराशि की अल्पकालीन निविदा सूचना पड़ोसी जनपद बदायूं में प्रकाशित कराए जाने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
विकास कार्यों को पारदर्शिता पूर्व और नियमित रूप से कराने के लिए जिला स्तर पर अल्पकालीन निविदा सूचना का प्रकाशन कराया जाना था। लेकिन अधिकारियों ने निजी फर्मों को लाभ देने के लिए 1 फरवरी 2023 को विकास कार्यों का टेंडर पीलीभीत में प्रकाशन ना करा कर बदायूं में प्रकाशित कराया। इतना ही नहीं भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया गया और टेंडर बिक्री करने के बजाए चाहते फर्मों को बांट दिए। तहसील और ब्लॉक स्तरीय कार्यदाई संस्थाओं और ठेकेदारों की आंखों में धूल झोंकने की नियत से टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार किया गया है।
टेंडर प्रकाशन से पहले बांट दिए काम
पूरनपुर विकासखंड के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की वानगी इस कदर है कि टेंडर होने से पहले ही 3 फर्मों को विकास कार्य रेवड़ी की तरह बांट दिए गए। विकास कार्यों में लगातार बढ़ रहे भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए 2 करोड़ से अधिक के काम एक ही फर्म को देने की योजना है और बाकी काम दो अन्य फर्मों के खाते में दिए जाने की सुगबुगाहट मिली है। खास बात यह है कि क्षेत्र पंचायत निधि के कार्यों को करने के लिए जो 3 फार्म चर्चा में हैं उनमें से कोई भी जिले तक की नहीं है। एक फर्म तो लखनऊ के ठेकेदार की बताई जा रही है दूसरी खुटार और शाहजहांपुर की फर्मों पर अधिकारी मेहरबान बने हैं।
धर्मेंद्र प्रताप सिंह, सीडीओ का बयान
वित्तीय अनियमितताओं को अनदेखा नहीं किया जाएगा और भ्रष्टाचार के मामले में डीडीओ से जांच कराई जा रही है। आरोप सिद्ध होने पर विभागीय कार्रवाई होगी।