पीलीभीत : नर्सरी पद्धति से करें बसंतकालीन गन्ना रोपाई : जिला गन्ना अधिकारी

पीलीभीत। बसंत कालीन गन्ना रोपाई के लिए जिला गन्ना अधिकारी ने नर्सरी पद्धति से अधिक लाभ होने की जानकारी दी है। जिलेभर में कई महिला समूह गन्ने का नर्सरी बी का उत्पादन कर रही हैं।

डीसीओ खुशीराम भार्गव ने बताया कि जनपद पीलीभीत में लगभग 60.00 हजार हे. में गन्ना बुवाई होगी। गन्ना बुवाई एवं अच्छे  जमाव के लिये 25 से 32° सेल्सियस का तापमान सबसे अच्छा माना जाता है। यह तपमान वर्ष मे दो बार आता है। अक्टूबर – नवंबर और फरवरी -मार्च में, जनपद में शरदकालीन गन्ना बुवाई मात्र 10 प्रतिशत मे ही होती है। ज्यादातर किसान बसंतकालीन ( फरवरी -मार्च ) गन्ना बुवाई करते है। गन्ना एक बहुवर्षीय नकदी फसल है इसकी खेती से किसानो को अच्छी आमदनी होती हैं यही कारण है कि जनपद पीलीभीत के किसानो में गन्ना खेती के प्रति अधिक लगाव है। अधिक उपज लेने के लिये जरुरी है कि उन्नतिशील गन्ना किस्मो का स्वास्थ्य कीट -व्याधि रहित बीज बुवाई के लिये चयन किया जाये। बीज गन्ना यदि 10 माह तक की अवधि का हो तो  जमाव अच्छा होता है।

अधिकांश किसान एक या दो आंख के टुकड़ो से बुवाई करते है, लेकिन पिछले तीन वर्षो से किसान गन्ने के टुकड़ो से बुवाई न करके पहले गन्ने की पौध तैयार करते है। फिर तैयार पौध की रोपाई करते है। गन्ने की पौध किसान यस. टी. पी.   विधि या सिंगल बड विधि  से खेतो मे या पोरट्रे में तैयार करते है। नर्सरी ऐसे स्थान पर तैयार करते है जहाँ पर्याप्त प्रकाश मिले और पौध तैयार होने मे 25-30 दिन लग जाते है। तैयार पौधों को 10000 पौधे प्रति एकड की दर से पक्ति से पक्ति मे 4.00  से 5.00 फीट की दूरी एवं पौधे से पौधे की 1.00 फ़ीट की दूरी पर रोपते है। शत प्रतिशत अंकुरित पौधा ही लगता है इसलिए खाली जगह रहने का विकल्प नहीं रह जाता। पौध की रोपाई करने से बीज की बचत होती है, बीज की सफाई, बीजोपचार एवं रोपाई मे कम खर्चा आता है।

2.5 कु.गन्ना बीज एक एकड़ की पौध तैयार करने के लिये पर्याप्त होता है, जहाँ पर पौधा रोपा जाता है वही पर खाद देने से खाद का उपयोग सीमित रहता है। पिछले वर्ष 2022-23 मे जनपद मे 58806 हे .  मे गन्ना बुवाई हुई थी जिसमे 180 हे.  की बुवाई किसानो ने पौध रोपाई से किया था। पिछले वर्ष जनपद के महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा   47.17  लाख नवीन गन्ना किस्मो के  पौधे तैयार किये गए थे। इस वर्ष शरद्काल मे 22.85 लाख पौधे तैयार किये गए जिनसे 68.20हे मे गन्ना पौध की रोपाई की गई l बसंतकाल मे 60 लाख गन्ना पौध तैयार कर 250 हे.मे गन्ने की नवीनतम किस्मे – कोशा. 013235, को.लख.14201, कोशा.17231एवं को.15023 की रोपाई की जानी है। सामान्य एवं ट्रेंच विधि से  लगभग 60.00 हजार हे. में गन्ना वुवाई होना है और 58.00हजार हे. में पेड़ी गन्ना होगा। पेराई सत्र 2023-24 मे जनपद मे एक लाख दस हजार हे.  गन्ना रकबा था। आगामी सत्र 2024-25 मे एक लाख बीस हजार गन्ना रकबा होना संभावित है।

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