पीलीभीत: गोकशी मामले में माधोटांडा थाने का उर्दू अनुवाद निलंबित

दैनिक भास्कर ब्यूरो

कलीनगर-पीलीभीत। चर्चित गोकशी के मामले में माधोटांडा थाने के पौन दर्जन पुलिसकर्मी सस्पेंड हो चुके हैं। मगर जांच अभी भी जारी है। सोमवार को उर्दू अनुवादक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए निलंबित किया गया हैं। थाना माधोटांडा पुलिस की कारगुजारी सामने आ रही है। विभागीय जांच में एक-एक कर सभी पोल खुल गईं। लगभग एक महीने पहले गौ तस्करों से संलिप्तता के मामले में पहले चार सिपाहियों को एसपी ने निलंबित किया। इसके बाद कार्यालय के एक मुंशी और अन्य सिपाही पर भी निलंबन की गाज गिरी।

अपराध निरीक्षक और दरोगा सहित आठ पुलिसकर्मी पहले हो चुके सस्पेंड

छह सिपाहियों पर कार्रवाई के बाद भी जांच जारी रही। गौकशी मामले में संलिप्तता पाए जाने पर माधोटांडा थाना के क्राइम इंस्पेक्टर धर्मेंद्र यादव और जमुनिया चौकी इंचार्ज विशेष कुमार को भी निलंबित कर दिया गया। लगातार पुलिसकर्मियों पर होने वाले कार्रवाई से हड़कंप मच गया। इधर, तबादले के बाद सोमवार को उर्दू अनुवाद महबूब अली को भी निलंबित कर दिया। यह गांव डगा का रहने वाला उर्दू अनुवाद गौकशी के मामले में शामिल था।

इस मामले में अब तक माधोटांडा थाने के क्राइम इंस्पेक्टर और दरोगा सहित अब तक नौ पुलिसकर्मी निलंबित हो चुके हैं। फिलहाल अभी जांच चल रही है और पुलिस अधीक्षक अतुल शर्मा ने बड़ी कार्रवाई के संकेत दिये है। आगे भी अन्य पुलिसकर्मियों के विकेट गिरने की संभावना है। हालांकि निलंबन की कार्रवाई के बाद से थाने के एसएचओ और अन्य सिपाही फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं।

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