लखनऊ, राजधानी लखनऊ में चारबाग रेलवे स्टेडियम में चल रहे नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के तीन दिवसीय अधिवेशन के दूसरे दिन पहुंचे रेलमंत्री पीयूष गोयल की यूनियन नेता शिवगोपाल मिश्र को संबोधित एक टिप्पणी पर शुक्रवार को बवाल मच गया। नाराज रेलवे कर्मचारियों ने हमला भी कर दिया. कर्मचारियों ने उनके सामने ही रेलमंत्री मुर्दाबाद के नारे लगाए. मंच पर गमले फेंकने लगे. यह हाल देख सुरक्षाकर्मियों में हड़कंप मच गया तो वे सुरक्षा घेरा बनाकर मंत्री को मंच से बाहर ले जाने की कोशिश करने लगे. कुछ कर्मचारी तो इस दौरान हाथापाई की नौबत पर भी उतर गए और उनकी फ्लीट के आगे कूद भी गए.
Certain incorrect news reports have appeared regarding Railway Minister's speech at today's event of Northern Railway Men's Union in Lucknow. It is to clarify that there was no attack on Shri Piyush Goyal or his car and nobody was injured.
— Piyush Goyal Office (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyalOffc) November 16, 2018
जबर्दस्त हंगामे की स्थिति रही. किसी तरह से सुरक्षाकर्मी उन्हें आक्रोशित रेलकर्मियों के बीच से निकालकर वाहन तक लेकर जाने में सफल रहे. कार्यक्रम स्थल से सीधे रेल मंत्री का काफिला लखनऊ स्थित अमौसी एयरपोर्ट पहुंचे. दरअसल, कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर रहे रेल मंत्री के सामने नई भर्तियों वाले प्रशिक्षु कर्मचारी लंबित मांगों का मुद्दा उठा रहे थे. इस पर रेल मंत्री ने आश्वसान दिया मगर इससे कर्मी असंतुष्ट नहीं हुए. यह देखकर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कर्मचारी यूनियन पर नौजवान कर्मियों को भड़काने का आरोप लगा दिया.
Speaking at 70th AGM of Northern Railway Men’s Union, in Lucknow
Watch Live https://t.co/8l3RM6vzT2— Piyush Goyal (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyal) November 16, 2018
Union Minister @PiyushGoyal allegedly attacked with flower pot as he criticized the employees union at railways function in Lucknow. He was allegedly hit by the pot and also suffered minor injuries allegedly. Chaos and slogans against Piyush Goyal followed as he left the venue. pic.twitter.com/3P4Fpp3Gr6
— Qazi Faraz Ahmad (@qazifarazahmad) November 16, 2018
कर्मचारी नेता के खिलाफ कुछ टिप्पणी कर दी. उन्होंने ऑल इंडिया नेशनल फ़ीडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा के खिलाफ टिप्पणी की तो कर्मचारी भड़क उठे और उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया. रेलमंत्री के सामने ही मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे. मामले की नजाकत को भांपते हुए आरपीएफ और यूपी पुलिस उन्हें किसी तरह सुरक्षा घेरे में लेकर सुरक्षित वाहन तक लेकर पहुंची. जिसके बाद पीयूष गोयल दिल्ली जाने के लिए लखनऊ स्थित अमौसी हवाई अड्डे की ओर रवाना हो गए. कहा जा रहा है कि रेल मंत्री ने कर्मचारी नेता शिवगोपाल मिश्रा पर रेलवे में अप्रेंटिस कर चुके युवाओं को भड़काने का आरोप लगाया. लखनऊ के रेलवे स्टेडियम में आयोजित एनआरएमयू की 70 वें अधिवेशन में रेल मंत्री पीयूष गोयल के भाषण के बाद असंतुष्ट प्रशिक्षु कर्मियों ने नारे लगाने शुरू किए.
पीयूष गोयल नार्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन के 70वें वार्षिक अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि आये थे. उन्होंने रेल कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि रेलकर्मियों की विभिन्न मांगों पर सरकार पूरी संवेदनशीलता से विचार कर रही है. उन्होंने इसके साथ ही नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) और अप्रेंटिस को लेकर दिक्कतों का हवाला दिया. कहा कि रेल कर्मियों की प्राथमिकता में यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे को अत्याधुनिक बनाना होना चाहिए. भाषण समाप्त होते ही अधिवेशन में मौजूद रेलकर्मी, विशेषकर अप्रेंटिस भड़क गये और उन्होंने रेल मंत्री के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. उनका कहना था कि एनपीएस और अप्रेंटिस सहित विभिन्न मुददों पर रेलमंत्री का जवाब संतोषजनक नहीं है.इसके बाद रेलकर्मियों ने नारेबाजी करते हुए गोयल का घेराव कर लिया. अफरातफरी के बीच सुरक्षाकर्मी किसी तरह उन्हें भीड़ से निकालकर सुरक्षित उनके वाहन तक ले गये.इसके बाद गोयल नयी दिल्ली जाने के लिए अमौसी हवाई अड्डे की तरफ रवाना हो गए
विवाद में रेलवे और यूनियन किसी को लाभ नहींः मंत्री
अधिवेशन के मंच पर लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया व कर्मचारी यूनियन के केंद्रीय नेता भी थे। पीयूष गोयल ने माइक संभालते ही बताया कि वह दो टूक कहना पसंद करते हैं। इसके बाद अप्रेंटिसशिप के मसले पर वह ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के केंद्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्र को संबोधित कर बोले, ‘आप लोग (यूनियन) क्यों युवाओं को गलत रास्ता दिखा रहे हैं। गलत शिक्षा दे रहे हैं। अप्रेंटिसशिप को लेकर कोर्ट का निर्णय है कि सारी नियुक्तियां पारदर्शिता से हों। अप्रेंटिस कराते हुए कहीं भी ऐसा नियम नहीं है कि आपको कोर्स करने के बाद नौकरी दी ही जाएगी। हम दे भी दें तो कोर्ट रद कर देगा।’ हालांकि, रेलमंत्री ने यह भी कहा कि, ‘मुझे भी तकलीफ है कि अप्रेंटिस करने के बाद 10-10 साल काम करने पर भी कुछ लोगों को रेलवे से बाहर करना पड़ा।’ रेलमंत्री ने कहा कि जब रेलवे ने 1.30 लाख भर्तियां निकाली तो उन्होंने ही अप्रेंटिस करने वालों के लिए सीटें आरक्षित कीं। यदि हम सीधे अप्रेंटिस करने वालों को नौकरी देते तो आज कोर्ट में बैठे होते। बेबुनियाद विवाद में रेलवे और यूनियन किसी को लाभ नहीं होता।
यूनियन किसी को बहकाती नहींः यूनियन नेता
रेलमंत्री ने जैसे ही अपना भाषण खत्म किया, यूनियन नेता शिवगोपाल मिश्र ने मंच संभाला और कड़े तेवर में मंत्री के वक्तव्य की निंदा की। कहा, यूनियन किसी को बहकाती नहीं है। यह रेलकर्मियों का अधिकार है। रेलकर्मियों ने कई आंदोलनों में सीने पर गोलियां खायी हैं। उनका भाषण सुनते ही करीब पांच हजार कर्मचारियों से भरे हॉल में माहौल बिगडऩे लगा और सौ से अधिक रेलकर्मियों ने रेलमंत्री को मंच के सामने ही घेर लिया और लेट गए। रेलकर्मियों का आक्रोश बढ़ता देख आरपीएफ जवानों ने मोर्चा संभाल लिया और रेलमंत्री को लेकर वहां से निकल गए।
रेलमंत्री ने गलत नहीं कहा। उनका यह कहना बिल्कुल उचित था कि सभी भर्तियां नियमपूर्वक और पूरी पारदर्शिता के साथ होनी चाहिए। जब मंत्री यह तक कह चुके थे कि अप्रैंटिसों को हटाकर उन्हें भी तकलीफ हुई तो इसके बाद यूनियन की नाराजगी कतई उचित नहीं कही जाएगी। बात अप्रिय लगे तो भी इसके खिलाफ अराजक व्यवहार न तो कानूनन उचित है और न ही शिष्टाचार की कसौटी पर और रेलमंत्री तो यूनियन के अतिथि थे।