प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया को याद करते हुए लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खिलाफ विपक्षी दलों के महागठबंधन को लेकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ब्लॉग में डॉ. राममनोहर लोहिया को उनकी 109वीं जयंती पर याद करते हुए लिखा, डॉ. लोहिया वंशवादी राजनीति को हमेशा लोकतंत्र के लिए घातक मानते थे। आज उसी कांग्रेस के साथ तथाकथित लोहियावादी पार्टियां अवसरवादी महामिलावटी गठबंधन बनाने को बेचैन हैं। यह विडंबना हास्यास्पद भी है और निंदनीय भी है। मोदी ने कहा कि आज डॉ. लोहिया यह देखकर जरूर हैरान-परेशान होते कि उनके ‘अनुयायी’ के लिए अपने परिवारों के हित देशहित से ऊपर हैं।
जो लोग आज डॉ. लोहिया के सिद्धांतों से छल कर रहे हैं, वही कल देशवासियों के साथ भी छल करेंगे।
जो लोग डॉ. लोहिया के दिखाए रास्ते पर चलने का दावा करते हैं, वही क्यों उन्हें अपमानित करने में लगे हैं? पढ़िए मेरे विचार… https://t.co/FVzjkEXXSd
— Narendra Modi (@narendramodi) March 23, 2019
सपा और आरजेडी पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा, वे दल जो डॉ. लोहिया को अपना आदर्श बताते हुए नहीं थकते, उन्होंने पूरी तरह से उनके सिद्धांतों को तिलांजलि दे दी है। यहां तक कि ये दल डॉ. लोहिया को अपमानित करने का कोई भी कोई मौका नहीं छोड़ते। मोदी ने कहा, जो लोग आज डॉ. राम मनोहर लोहिया के सिद्धांतों से छल कर रहे हैं, वही कल देशवासियों के साथ भी छल करेंगे। जो लोग डॉ. लोहिया के दिखाए रास्ते पर चलने का दावा करते हैं, वही क्यों उन्हें अपमानित करने में लगे हैं। मोदी ने कहा कि इन पार्टियों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनके लिए डॉ. लोहिया के विचार और आदर्श बड़े हैं या फिर वोट बैंक की राजनीति। आज 130 करोड़ भारतीयों के सामने यह सवाल मुंह बाये खड़ा है कि जिन लोगों ने डॉ. लोहिया तक से विश्वासघात किया, उनसे हम देश सेवा की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। जाहिर है, जिन लोगों ने डॉ. लोहिया के सिद्धांतों से छल किया है, वे लोग हमेशा की तरह देशवासियों से भी छल करेंगे। उन्होंने लिखा कि कांग्रेसवाद का विरोध डॉ. लोहिया के हृदय में रचा-बसा था।
उनके प्रयासों की वजह से ही 1967 के आम चुनावों में सर्वसाधन संपन्न और ताकतवर कांग्रेस को करारा झटका लगा था। जब कभी भी डॉ. लोहिया संसद के भीतर या बाहर बोलते थे, तो कांग्रेस में उसका भय साफ नजर आता था। मोदी के अनुसार कांग्रेस देश के लिए कितनी घातक हो चुकी है, इसे डॉ. लोहिया भलीभांति समझते थे। इसलिए 1962 में उन्होंने कहा था कि कांग्रेस शासन में कृषि हो या उद्योग या फिर सेना, किसी भी क्षेत्र में कोई सुधार नहीं हुआ है। डॉ. लोहिया के विचार आज भी हमें प्रेरित करते हैं। उन्होंने कृषि को आधुनिक बनाने तथा अन्नदाताओं के सशक्तीकरण को लेकर काफी कुछ लिखा।
उनके इन्हीं विचारों के अनुरूप एनडीए सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि सिंचाई योजना, ई-नेम, सॉयल हेल्थ कार्ड और अन्य योजनाओं के माध्यम से किसानों के हित में काम कर रही है। डॉ. लोहिया समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था और महिलाओं एवं पुरुषों के बीच की असमानता को देखकर बेहद दुखी होते थे।‘सबका साथ, सबका विकास’ का हमारा मंत्र तथा पिछले पांच सालों का हमारा ट्रैक रिकॉर्ड यह दिखाता है कि हमने डॉ. लोहिया के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। अगर आज वे होते तो एनडीए सरकार के कार्यों को देखकर निश्चित रूप से उन्हें गर्व की अनुभूति होती।