‘मन की बात’ में PM मोदी बोले -दुष्कर्म के दोषियों को कम-से-कम 10 वर्ष की सजा वहीं 12 वर्ष से ….

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात‘ कार्यक्रम का 47 वां संस्करण आज दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर 11 बजे से प्रसारित किया गया और इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने पूरे देश को रक्षाबंधन की बधाई दी है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा है कि देश में ऐसी अनेक कहानियां है जिनमें बताया गया है कि कैसे एक सूत्र ने अलग-अलग धर्मों या राज्यों के लोगों को विश्वास की डोर से जोड़ दिया है।

11:30 am: मैं देश के सभी नागरिकों से निवेदन करता हूं कि वे जरूर खलें और अपनी फिटनेस का ध्यान रखें क्योंकि स्वस्थ भारत ही संपन्न और समृद्ध भारत का निर्माण करेगा।

11:29 am: भारत के खिलाडी विशेषकर Shooting और Wrestling  में तो उत्कृष्ट प्रदर्शन कर ही रहे हैं लेकिन हमारे खिलाडी उन खेलों में भी पदक ला रहे हैं, जिनमें हमारा पदर्शन अच्छा नहीं रहा है।

11:28 am: दुष्कर्म के दोषियों को कम-से-कम 10 वर्ष की सजा होगी, वहीं 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से रेप करने पर फांसी की सजा होगी।

11:27 am: अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए संशोधन विधेयक को भी पास करने का काम इस सत्र में हुआ।

11:22 am: संसद का ये मानसून सत्र सामाजिक न्याय और युवाओं के कल्याण के सत्र के रूप में याद किया जाएगा।

11:21 am: आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि लोकसभा की Productiviti 118 फीसदी और राज्यसभा की 74 फीसदी रही। लोकसभा में 21 विधेयक और राज्यसभा में 14 विधेयक पारित किए गए।

11:20 am: अटल जी के लिए जिस प्रकार का स्नेह, जो श्रद्धा और जो शोक की भावना पूरे देश में उमड़ पड़ी, वो उनके विशाल व्यक्तित्व को दर्शाती है।

11:19 am: अटल जी एक ऐसे राष्ट्र नेता, जिन्होंने 14 वर्ष पहले प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था। अक प्रकार से गत् 10 वर्ष से वे सक्रिय राजनीति से काफी दूर चले गए थे।

11:17 am: 16 अगस्त को जैसे ही देश और दुनिया ने अटल जी के निधन का समाचार सुना, हर कोई शोक में डूब गया।

11:09 am: ज्ञान और गुरू अतुल्य है, अमूल्य है, अनमोल है। मां के अतिरिक्त शिक्षक ही होते हैं। जो बच्चों के विचारों को सही दिशा देने का दायित्व उठाते हैं और जिसका सर्वाधिक प्रभाव भी जीवन भर नजर आता है

11:00 am: कुछ ही दिन बाद जन्माष्टमी का पर्व भी आने वाला है। पूरा वातावरण हाथी, घोडा, पालकी- जय कन्हैयालाल की, गोविनदा-गोविन्दा की जयघोष से गूंजने वाला है।

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