वक्फ बिल पर सियासत भारी! दिल्ली से महाराष्ट्र तक संग्राम, आखिर बिल में ऐसा क्या है?

Seema Pal

Waqf Bill : वक्फ बिल को लेकर देश भर में चर्चाओं का माहौल गर्म हो गया है। दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक वक्फ बिल पर हंगामा मचा हुआ है। संसद में 2 अप्रैल को वक्फ संशोधन विधेयक को पेश किया जाएगा। जिसे लेकर अब केंद्र की भाजपा सरकार और विपक्ष आमने-सामने आ गया है। मुस्लिम समुदाय खुलकर इस बिल का विरोध कर रहा है। इससे पहले संभल के सपा सांसद जिआउर्रहमान बर्क ने भी बिल के विरोध में कोर्ट जाने की धमकी दी है। अब ऐसे में कल यानी 2 अप्रैल को वक्फ बिल पर आठ घंटे की बहस के बाद ही कोई निर्णय निकलने की संभावना जताई जा रही है।

क्या आप जानते हैं, वक्फ संशोधन विधेयक क्या है और मुस्लिम इसका विरोध क्यों कर रहे हैं?

क्या है वक्फ बिल?

वक्फ संशोधन बिल एक विधेयक है, जो भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उपयोग में सुधार लाने के लिए प्रस्तावित किया गया है। वक्फ संपत्तियाँ आमतौर पर धार्मिक संस्थाओं, विशेषकर मुस्लिम समुदायों द्वारा उपयोग की जाती हैं। इस बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के उचित प्रबंधन और उनके लाभ को कमजोर और गरीब समुदायों तक पहुंचाने के लिए एक मजबूत और पारदर्शी ढांचा प्रदान करना है।

वक्फ बिल पर किसकी क्या राय?

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस बात पर जोर दिया है कि कोई भी बिल संविधान के खिलाफ नहीं है। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन संविधान के दायरे में हो।

भाजपा ने इस बिल को गरीब मुसलमानों के लिए कल्याणकारी बताते हुए कहा है कि यह उनकी स्थिति सुधारने की कोशिश करेगा। वक्फ संपत्तियों का उपयोग इन समुदायों की भलाई के लिए किया जाएगा।

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस बिल पर चिंता जताई है, यह कहते हुए कि इसमें कई खामियां हैं और उन्हें अपने सुधारों को शामिल नहीं करने दिया गया। उन्होंने इसे देश की धर्मनिरपेक्षता के लिए हानिकारक भी कहा है।

जेडीयू ने इस विधेयक पर अपने स्टैंड को स्पष्ट किया है, जो इस बिल को मंजूरी में रुकावट पैदा कर सकता है।

सूफी काउंसिल (Sufi council) के चेयरमैन ने कहा है कि किसी भी बिल को वक्फ की धार्मिक सम्पत्ति के हित में होना चाहिए और इसे गुमराह करने का समय नहीं है।

विपक्ष की सत्ताधारी बीजेपी पर आरोप है कि वे इस बिल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रही हैं। समाजवादी पार्टी ने भी इसे लेकर बड़ा विरोध जताया है।

वक्फ संशोधन बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को बेहतर बनाना है, जिससे उसका लाभ गरीब और जरूरतमंद समुदायों तक पहुँच सके। लेकिन इसे लेकर राजनीतिक मतभेद और विभिन्न संगठनों की चिंताएँ इसे विवादास्पद बना रही हैं। इस बिल का पारित होना भारत की सियासी और सामाजिक सरोकारों को प्रभावित कर सकता है।

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