Pope Francis Death : पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में हुआ निधन, लंबे समय से चल रहे थे बीमार
Dainik Bhaskar
Pope Francis Death: रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी नेता पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है. ये जानकारी वेटिकन ने सोमवार को एक वीडियो जारी कर दी है. वह पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे. वह रूढ़िवादी संस्था में लगातार सुधार की कोशिश कर रहे थे. हाल ही में उन्हें डबल निमोनिया की गंभीर बीमारी हुई थी.
वेटिकन कैमरलेन्गो कार्डिनल केविन फेरेल ने घोषणा की. घोषणा में कहा गया कि आज सुबह 7:35 बजे रोम के बिशप फ्रांसिस, फादर के घर लौट आए. बयान में आगे कहा गया, ‘प्रिय भाइयों और बहनों, मुझे अत्यंत दुख के साथ हमारे पवित्र पिता फ्रांसिस के निधन की घोषणा करनी पड़ रही है.’
BREAKING: Pope Francis has died at the age of 88, the Vatican has announced.https://t.co/d40fgMNYxi
पोप फ्रांसिस रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी नेता थे, जो 2013 में अपने बेनेडिक्ट XVI के इस्तीफा देने के बाद पोप बने थे. पोप को अपने 12 साल के कार्यकाल में कई बीमारियों का सामना करना पड़ा था. अपने कार्यकाल के आखिरी कुछ महीनों में उन्हें कई बार अस्पताल जाना पड़ा और उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं भी रहीं.
पोप फ्रांसिस कौन थे?
पोप फ्रांसिस का जन्म अर्जेंटीना में हुआ था. उनका असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो है. अमेरिका से आने वाले पहले पोप थे. उन्हें 13 मार्च, 2013 को 76 वर्ष की आयु में पोप चुना गया, जिससे चर्च पर नज़र रखने वाले कई लोग आश्चर्यचकित हो गए, जिन्होंने अर्जेंटीना के पादरी को एक बाहरी व्यक्ति के रूप में देखा था. वह गरीबों के लिए अपनी चिंता के लिए जाने जाते थे,
आलोचनाओं के बाद भी किया काम
उन्हें एक ऐसा चर्च विरासत में मिला था जो बाल यौन शोषण कांड के कारण आलोचनाओं का शिकार था और वेटिकन नौकरशाही में अंदरूनी कलह से त्रस्त था. उन्हें व्यवस्था बहाल करने के लिए जनादेश के साथ चुना गया था.
उन्हें रूढ़िवादियों की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा. उनके आलोचकों का कहना था कि उन्हें 2,000 साल पुराने चर्च को नया आकार देने के लिए और भी बहुत कुछ करना चाहिए था. 12 सालों में उन्होंने वेटिकन की नौकरशाही को पुनर्गठित किया, चार प्रमुख शिक्षण दस्तावेज लिखे, 65 से अधिक देशों की 47 विदेश यात्राएं कीं और 900 से अधिक संतों की स्थापना की.
कब चुने जाएंगे अगले पोप?
नये पोप के चयन की प्रक्रिया यानी कि कॉन्क्लेव सामान्यतः पोप की मृत्यु के लगभग 15 से 20 दिन बाद शुरू होती है.