.@BJYMinWB will distribute 10 lakh post cards today so that people can send a hearty “Jai Shri Ram” and a personalised message to @mamatofficial. You can get the postcards from your nearest post office and send your message to her address. #MamataDidiJaiShriRam pic.twitter.com/CgOVQKudFp
— BJP West Bengal (@BJP4Bengal) May 16, 2019
WB: TMC worker &locals of Dum Dum send 10000 postcards to PM Modi, after writing Vande Mataram, Jai Hind&Jai Bangla on them. D Banerjee, council of south Dum Dum Municipality chairman says "We wanted to show what's in minds of people. We don't want to go&shout before his vehicle" pic.twitter.com/UlDU7LZOSW
— ANI (@ANI) June 4, 2019
पोस्टकार्ड पर खर्च 12.15 रुपया, मुनाफा 50 पैसे
मिली जानकारी के मुताबिक पोस्टकार्ड भारत सरकार का एक ऐसा उत्पाद है जिसे आम जनता की खातिर जनहित में बेहद सस्ते दामों पर बेचा जाता है। भारतीय डाक विभाग की ओर से जारी पोस्टकार्ड महज 50 पैसे में बेचे जाते हैं जबकि एक पोस्टकार्ड बनाने की लागत कहीं ज्यादा होती है। डाक विभाग की 2016-17 की रिपोर्ट के अनुसार, एक साधारण पोस्टकार्ड पर 12.15 रुपए का खर्च आता है, बदले में सरकारी खजाने में 50 पैसे ही आते हैं और यह निर्माण के कुल लागत का महज 4 फीसदी ही है. इस तरह से सरकार एक पोस्टकार्ड पर 11.75 रुपए की सब्सिडी देती है।
संसद में सरकार की ओर से दिए गए जवाब के अनुसार साल दर साल पोस्टकार्ड के निर्माण पर खर्च बढ़ता ही जा रहा है. 2010-11 में जहां एक पोस्टकार्ड बनाने में 7.49 रुपए खर्च होते थे जो 2016-17 में बढ़कर 12.15 रुपए (1215.76 पैसे) तक पहुंच गया। 2015-16 में पोस्टकार्ड बनाने में 9.94 रुपए (994.21 पैसे) की लागत आई. 2003-04 में एक पोस्टकार्ड बनाने में 6.89 रुपए खर्च होते थे. इस तरह से पिछले 13-14 सालों में पोस्टकार्ड बनाने में खर्च में 76 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन दाम वही 50 पैसे ही रहे यानी की सरकार पर खर्च साल दर साल बढ़ता ही चला गया।
प्रिंटेड पोस्टकार्ड पर खर्च 11.74 रुपया, कमाई 6 रुपए
इसी तरह प्रिटेंट पोस्टकार्ड की बात करें तो 2016-17 में एक प्रिंटेड पोस्टकार्ड पर 11.74 रुपए (1174.45 पैसे) का खर्च आया जबकि 2015-16 में 9.27 रुपए (927.70 पैसे) खर्च हुए। एक प्रिंटेड पोस्टकार्ड की कीमत 6 रुपए है। इसके अलावा सरकार एक और अलग पोस्टकार्ड प्रिंट कराती है जिसे कंपटीशन पोस्टकार्ड कहते हैं और इसके एक कार्ड की छपाई की कीमत 9.28 रुपए आती है जबकि इसकी बिक्री 10 रुपए में की जाती है।
डाक विभाग की रिपोर्ट के अनुसार
2016-17 में 99.89 करोड़ पोस्टकार्ड इस्तेमाल किए गए और इसके इस्तेमाल में लगातार गिरावट आ रही है. 2015-16 में 104.70 करोड़ पोस्टकार्ड इस्तेमाल में लाए गए। जबकि 2009-10 में 119.38 करोड़ पोस्टकार्ड खरीदे गए और इस्तेमाल में आए. इस तरह से 2009-10 और 2016-17 की तुलना में 16.32 फीसदी की गिरावट आई।
बढ़ेगा सरकार का खर्चा
इस तरह से 10 लाख पोस्टकार्ड भेजने वाली बीजेपी 1.21 करोड़ रुपए से ज्यादा और टीएमसी 2.43 करोड़ रुपए का अनावश्यक का खर्च बढ़ाएगी। जिस हिसाब से वार जोर पकड़ रहा है उससे ऐसा लगता है कि पोस्टकार्ड की संख्या 30 लाख को भी पार कर जाएगी। पोस्टकार्ड की संख्या 30 लाख की संख्या को पार कर गई तो सरकार का नुकसान और बढ़ जाएगा। डाक विभाग केंद्र के अधीन है तो सारा खर्च केंद्र को ही वहन करना पड़ेगा।