
किसान कानून को एक वर्ष तक निरस्त कर किसानों से बात करके सरकार बनाए नया कानून
फोटो 1-प्रेसवार्ता में बोलते प्रमोद तिवारी
प्रतापगढ़। केन्द्रीय कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य एवं कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने किसानों के मुद्दे पर केन्द्र सरकार को सुझाव दिया है कि वह तीनों कानूनों को एक वर्ष के लिये निरस्त कर किसानों के बात कर नया कानून बनाए। उन्होंने कहा कि अगर तीनों कृषि कानूनों पर सरकार पहले ही किसानों से बात कर लेती तो आज यह स्थिति न उत्पन्न होती।
श्री प्रमोद तिवारी रविवार की शाम प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य पंडित श्याम किशोर शुक्ल के आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि किसाना 70 दिनों से इस भीषण ठंड में अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की सड़कों पर पडे़ हैं। प्रधानमंत्री को ऐसे किसानों से स्वयं बात करनी चाहिये। श्री प्रमोद ने 26 जनवरी को लाल किले पर हुए तिरंगे के अपमान पर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा। उन्होंने कहा कि लाल किले की सुरक्षा देश के स्वाभिमान से जुड़ा है और इसकी देखभाल का जिम्मा सरकार ने अपने चहेतों को दे रखा है, इसीलिये लाल किले में शरारती तत्व आसानी से घुस गये थे। उन्होंने कहा कि लाल किले में झण्डा फहराने वाला किसान नहीं है। केवल अहिंसक किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिये यह घटिया कुचक्र रचा गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शांतिपूर्ण एवं अहिंसक किसान आंदोलन के साथ है। पत्रकारवार्ता में डा0 लालजी त्रिपाठी, डा0 नीरज त्रिपाठी, पूर्व जिलाध्यक्ष नरसिंह प्रकाश मिश्र, अब्दुल माबूद, कपिल द्विवेदी, प्रशांत शुक्ल आदि रहे।