सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी की जेलों से रिहा हुए कैदी, जेल से छूटने के बाद कैदियों में खुशी की लहर

लखनऊ । कोरोना वायरस के बढ़ते मामले और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद जेल से बंदियों को रिहा करने का सिलसिला शुरु हो गया है। रविवार को कुछ जनपदों की जेलों से बंदियों को अल्प समय के जमानत पर रिहा किया गया तथा कई बंदियों को लेकर विचार विमर्श चल रहा हैं। जेल से रिहा होने के बाद बंदियों ने शासन को आभार व्यक्त किया है। साथ ही बंदियों में खुशी की लहर है।

राज्य सरकार ने जेल से बंदियों को छोड़ने के बनायी गयी कमेटी की रिपोर्ट के बाद जिला जज ने जेल से बंदियों को आठ सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत देने शुरु कर दिया है। इसी कड़ी में हरदोई जेल से करीब 83 बंदी रिहा हुए हैं। जेल अधीक्षक बृजेन्द्र सिंह यादव ने बताया कि जेल से 83 बंदियों को आज रिहा किया गया है। जेल में 30 सजायाफ्ता बंदी और 83 विचाराधीन बंदी थे। जौनपुर जिला जेल में बंद दो महिलओं समेत 77 विचाराधीन बंदियों को निजी मुचलके पर अल्प समय के जमानत पर रिहा कर दिया गया।

जेल अधीक्षक राजकुमार ने बताया कि आज 77 बंदियों को रिहा किया गया है। अभी 44 और बंदियों को रिहा करने की प्रक्रिया चल रही है। इटावा जेल से 58 बंदियों को रिहा किया गया है। जेल प्रशासन ने 184 बंदियों की सूची शासन को भेजी थी,जिसमें 58 लोगों को रिहा किया गया है। प्रतापगढ़ जेल 38 बंदियों की रिहाई हुई है। इसके अलावा मिरजापुर न्यायलय ने 32 बंदियों को अं​तरिम बेल दे दिया, जिसके बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया है। अलीगढ़ जेल से सात बंदियों को रिहा किया गया है।

भदोही से 24 विचाराधीन बंदियों की रिहाई हुई है। इनके अलावा बलरामपुर जेल से 16 बंदियों को रिहा किया गया है, इससे पहले शनिवार को छह बंदी रिहा किए गए थे। फतेहपुर की जिला जेल से आगमाी दिनों के बाद 99 बंदी रिहा होंगे। हमीरपुर जेल से भी रिहा होंगे बंदी, कौशाम्बी जिला ​जेल से जल्द ही 75 बंदी रिहा किये जायेंगे। जेल अधीक्षक बीएस मुकुंद के मुताबिक, कारागार से 21 कैदी 54 विचाराधीन बंदियों की सूची भेजी गयी थी। गोंडा जेल से 83 बंदी जल्द ही रिहा होंगे।

लखनऊ जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक प्रेमनाथ पांडेय ने बताया कि रविवार को लखनऊ जेल से 97 विचाराधीन कैदियों को छोड़ने के आदेश मिले थे। जिसमें से 92 कैदियों को छोड़ा जा रहा है। शेष बचे पांच कैदियों को उनके अन्य मुकदमों की स्थिति को देखते हुए नहीं छोड़ा गया है। विचाराधीन कैदियों की लगभग संख्या 500 के आसपास है। वाराणसी जेल से 60 बंदी छोड़े गए है, जिनमें 40 चंदौली और 20 वाराणसी से है। इसके अलावा मेरठ जेल से 17 बंदी और सीतापुर में 23 बंदी पैरोल पर छोड़े गए है। इनके अलावा शाहजहांपुर जिला कारागार से दस ​विचारधीन बंदियों को आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत पर रिहा किया जायेगा। बलिया 45 विचाराधीन बंदियों को रिहा किया जायेगा। जबकि 12 बंदी वो होंगे, जिन्हे सात साल की सजा हो चुकी है और 12 सजायाफ्ता बंदी है।मऊ जिला कारागार ने दस बंदियों की सूची शासन को भेजी है, अभी इस पर मुहर लगी हुई है। मथुरा जेल से करीब 23 बंदियों को रिहा किया जायेगा। एटा जेल से 32 सजायाफ्ता समेत 158 बंदी जेल से रिहा होंगे। जेलर पीपी सिंह के मुताबिक अभी तक आदेश नहीं मिला है, मिलते ही जमानत की कार्रवाई की जायेगी। फिरोजाबाद जिला कारागार से 163 बंदियों को रिहा किया जायेगा। इन बंदियों में 53 सजायाफ्ता और 110 विचाराधीन बंदी शामिल है। जेल प्रशासन ने इसकी सूची कारागार मुख्यालय को भेज दी गयी है।

विदित हो कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च को राज्य सरकारों को प्रदेश की जेलों में भीड़भाड़ कम करने के लिए अंतरिम जमानत या पैरोल जैसे उपायों को आजमाने का सुझाव दिया था। कहा था कि ऐहतियातन तौर पर 11 हजार बंदियों को आठ सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर जेल से रिहा किया जाय। सुप्रीम कोर्ट के बाद राज्य सरकार ने इस पर विचार कर बंदियों को जमानत पर रिहा करने के लिए टीम को गठित किया था।

डीजी जेल बोले
डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि राज्य की जेलों में बंद 11 हजार बंदियों को अं​तरिम जमानत देकर तय समय के लिए छोड़े जाने की व्यवस्था की गई है। इनमें 8,500 विचाराधीन कैदी और 2,500 ऐसे बंदी शामिल हैं जिन पर दोष साबित हो चुका है। पैरोल सामान्य प्रक्रिया के तहत दिया जाएगा और जमानत के लिए जिला जज संबंधित जेलों में जाकर यह बेल उपलब्ध कराएंगे। इसके लिए शनिवार से ही जेलों में बंद बंदियों को रिहा करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गयी थी। आज भी कुछ जेलों से बंदियों को रिहा किया गया है। कुछ दिनों में और कैदियों को छोड़ा जायेगा।