
वन क्षेत्र के ही शिक्षित युवाओं के माध्यम से 7-8 छात्रों के समूह में सोसल डिस्टेंसिंग के तहत कक्षाएं की जा रही है संचालित
निःशुल्क किया जाता है शिक्षण। सभी केंद्रों पर मास्क व सेनेटाइजर की भी है सुविधा
मिहींपुरवा/बहराइच l महामारी के इस दौर में शिक्षा व्यवस्था पूर्णतः इंटरनेट पर आश्रित हैं। छात्रों को इस ऑनलाइन शिक्षा को लेने के लिए स्मार्ट फोन के साथ नेटवर्क का भी होना जरूरी है। मिहींपुरवा ब्लॉक के जंगली क्षेत्रों में गरीब छात्रों के पास संसाधन नहीं तो जंगल और सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण नेटवर्क छात्रों के लिए बड़ा चुनौती बना हुआ है। ऐसे स्थिति में छात्रों का शिक्षा से दूरी लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अभिवावकों में साक्षरता दर की कमी और संसाधन की कमी के चलते ऑनलाइन शिक्षा का आपेक्षित परिणाम नहीं मिल पा रहा है।
क्या है पंच लाइट अभियान –
इस समस्या के समाधान के रूप में इस अभियान को चलाया जा रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत जंगली क्षेत्र के ही शिक्षित युवाओं के माध्यम से 7-8 छात्रों के समूह में महामारी से सम्बन्धित सभी सावधानियों को ध्यान में रखकर कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इन कक्षाओं में छात्रों को महामारी की जानकारी के साथ साथ सुरक्षा के उपाय से भी अवगत कराया जा रहा है, छात्रों के लिए विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन भी कराया जाता है। 6 जून 2020 से इस अभियान की शुरुआत 9 केंद्र में 60 छात्रों के साथ हुई थी जो वर्तमान में 15 केंद्र और 220 छात्रों के साथ संचालित हो रहे हैं। ऑनलाइन शिक्षा में छात्रों को जो पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है, इन कक्षाओं में भी वही पढ़ाया जा रहा है।
पंच लाइट अभियान में पढ़ाने वाले शिक्षकों और सभी छात्रों को पठन पाठन कि सामग्री निःशुल्क दिया जाता है इसके साथ ही सभी को मास्क और सभी केंद्रों में सेनेटाइजर की सुविधा उपलब्ध है। ये सभी सुविधाएं पब्लिक फंड के माध्यम से दिया जा रहा है। यह अभियान पीरामल फाउंडेशन के गांधी फैलो राशी अग्रवाल और ओंकार तिवारी के दिशा निर्देशन में चलाया जा रहा है। नेहरू युवा केंद्र के यूथ लीडर दीपक कुमार गुप्ता संयोजक की भूमिका में कार्य कर रहे हैं। इनके अलावा दीपक मधेशिया जगदीश सिंह सीमा सिंह गोपी मुकेश सुरसेन सचिन लक्ष्मी अनीता चन्द्रकला शिल्पा आदि युवा छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देने का कार्य कर रहे हैं।
इस अभियान के शुरू होने से अभीवावको को काफी संतुष्टि है। पंच लाइट अभियान को गरीबों का स्मार्ट फोन के नाम से ग्रामीणों के द्वारा संबोधित किया जा रहा है।
सेवा भाव से कार्य कर रहे हैं गांव के युवा –
2 महीने से संचालित इस अभियान में गांव के शिक्षित युवा निस्वार्थ भाव से छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देने का कार्य कर रहे हैं। छात्रों को पढ़ाने के साथ साथ अभिवावकों को भी उनके बच्चों की स्थिति से अवगत कराते हैं साथ ही सुबह छात्रों को योग की भी शिक्षा दी जाती है।