शहीद औरंगजेब के आखिरी वीडियो से उठे इन सवालों पर 44 राष्ट्रीय राइफल्स को चिंता करनी चाहिए।
नई दिल्ली: घाटी में बीएसएफ और सीआरपीएफ के स्थानीय जवानों पर हमले बढ़ रहे हैं। पिछले दिनों 2 राजपुताना राइफल्स के लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। उनकी हत्या के बाद स्थानीय जवानों की सुरक्षा को लेकर बहस शुरू हो गई थी जो छुट्टी पर घर जा रहे हैं। जवानों और उनके परिजनों की सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता कदम उठाए जाते उससे पहले ही ईद के दिन 44 राष्ट्रीय राइफल्स के जवान औरंगजेब की बेरहमी से हत्या कर दी गई।
औरंगजेब ईद मनाने छुट्टी पर अपने घर जा रहे थे
गुरुवार सुबह आतंकियों ने पुलवामा के कलामपोरा से अगवा किया और बाद में उनकी लाश कलामपोरा से 10 किलोमीटर दूर गुसु गांव में मिली थी। उनके सिर और गले में गोली मारी गई थी। आतंकियों ने आर्मी जवान औरंगजेब की हत्या से पहले उनका एक वीडियो बनाया था। इस वीडियो में आतंकी औरंगजेब से उसकी यूनिट, ऑपरेशन और ड्यूटी से जुड़े ऐसे सवाल पूछ रहे हैं जिसपर राष्ट्रीय राइफल्स को चिंता करनी चाहिए।
औरंगजेब के आखिरी वीडियो की बातेंः-
आतंकी – क्या नाम है तेरा
औरंगजेब- औरंगजेब
आतंकी-बाप का नाम?
औरंगजेब- मोहमम्मद हनीफ
आतंकी-कहां रहते हो
औरंगजेब-पुंछ
आतंकी-ड्यूटी किधर है
औरंगजेब-पुलवामा
औरंगजेब-सिपाही हूं…पोस्ट पर ड्यूटी करता हूं
आतंकी -शुक्ला का गार्ड है मतलब तू
आतंकी-उसके साथ में सिविल में तू ही आता है ना
औरंगजेब-हां
आतंकी -मोहम्मद, वसीम और तल्हा भाई के एनकाउंटर में तूने ही किया था
आतंकी -तूने ही बिगाड़ा था जिस्म को
औरंगजेब-नहीं मेरे हाथ में लगी थी
आतंकी -क्या लगी थी
औरंगजेब-मेरा हाथ टूट गया था
आतंकी -आतंकी उनके लाश की बेहूरमती किसने की थी
औरंगजेब—फायर से हुआ था
आतंकी- तीनों की बेहूरमती की थी
औरंगजेब- जी हां फायर किया था
आतंकी–आतंकी शहीद होने के बाद ?
औरंगजेब-हां
वीडियो में पूछी जा रही ये दो बातें बेहद गंभीर
औरंगजेब से पूछताछ में दो बातें ऐसी हैं जो यूनिट की पोल-खोल रही हैं। पहली बात मेजर शुक्ला से जुड़ी हुई है। आतंकियों को कैसे पता चला कि मेजर शुक्ला का निजी गार्ड कौन है? डिफेंस एंड सिक्योरिटी अलर्ट के संपादक मानवेंद्र सिंह लिखते हैं कि यह बेहद किसी मेजर का ‘Buddy’ बेहद गोपनीय जानकारी है। यह आतंकियों के हाथ कैसे लगी?
दूसरी बात आतंकी मोहम्मद, वसीम और तल्हा के एनकाउंटर में कौन शामिल था इसकी जानकारी कैसे लगी? क्या 44 राष्ट्रीय रायफल्स को अधिक गोपनीय और सतर्क रहने की जरूरत नहीं थी। अगर ऐसे ही सूचनाएं लीक होती रही एनकाउंटर में शामिल रहे अन्य जवानों की जान पर भी बन आएगी।