गहलोत मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल ने आज सोमवार को शपथ ली। राज्यपाल कल्याणसिंह ने 23 मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मंत्रिमंडल में 13 कैबिनेट और दस राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इनमें से 18 विधायक पहली बार मंत्री बने हैं। 11 महिला विधायकों में से एकमात्र सिकराय विधायक ममता भूपेश को मंत्री बनाया गया है। मुस्लिमों में भी सिर्फ पोकरण विधायक सालेह मोहम्मद को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। गठबंधन के दल आरएलडी से विधायक सुभाष गर्ग को भी राज्यमंत्री बनाया गया है।
कैबिनेट मंत्री :
बीडी कल्ला (बीकानेर), शांति धारीवाल (कोटा उत्तर), परसादी लाल मीणा (लालसोट), मास्टर भंवरलाल मेघवाल (सुजानगढ़), जयपुर के झोटवाड़ा से लालचंद कटारिया, केकड़ी से डॉ. रघु शर्मा, अंता से प्रमोद जैन भाया, विश्वेंद्र सिंह (डीग-कुम्हेर), बायतू से हरीश चौधरी, सपोटरा से रमेश मीणा, निम्बाहेड़ा से उदयलाल आंजना, प्रताप सिंह खाचरियावास (जयपुर, सिविल लाइंस) और पोकरण विधायक सालेह मोहम्मद को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
राज्यमंत्री :
सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ से विधायक गोविंद सिंह डोटासरा, सिकराय से ममता भूपेश, बांसवाड़ा से अर्जुन बामनिया, कोलायत से भंवर सिंह भाटी, सांचौर से सुखराम विश्नोई, हिंडौली से अशोक चांदना, अलवर ग्रामीण से टीकाराम जूली, वैर से भजनलाल जाटव, कोटपूतली से राजेन्द्र यादव और गठबंधन दल आरएलडी के भरतपुर से विधायक सुभाष गर्ग राज्यमंत्री या स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री होंगे।
राज्य मंत्रिमंडल में रघु शर्मा, लाल चंद, विश्वेंद्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश मीणा, प्रताप सिंह, उदयलाल आंजना, सालेह मोहम्मद, गोविंद डोटासरा, ममता भूपेश, अर्जुन बामनिया, भंवर सिंह, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना, टीकाराम जूली, भजनलाल, राजेन्द्र यादव और सुभाष गर्ग समेत 18 विधायक पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं। मंत्रिमंडल में 14 जिलों से कोई मंत्री नहीं है। सबसे ज्यादा 3-3 मंत्री जयपुर व भरतपुर से बनाए गए हैं। दौसा-बीकानेर से 2-2, अलवर, चूरू, चित्तौड़गढ़, जालौर, बूंदी, अजमेर, कोटा, बाड़मेर, करौली, जैसलमेर, सीकर, बांसवाड़ा व बारां से 1-1 विधायक को मंत्री बनाया गया है।
गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में लोकसभा चुनाव की सीधी झलक दिखी है। मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को बैलेंस करने के लिए दिग्गज नेता को झटका दे दिया गया जो व्यापक जनाधार वाले थे। इसमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. सी पी जोशी जो कभी राहुल गांधी के बेहद करीबी थे उनका नाम सामने नहीं आना सभी को चौंका गया। पूर्व गहलोत सरकार में अहम पदों पर रहे मंत्रियों की भी छूट्टी की गई है। इस बार मंत्रिमंडल में अनुभव से ज्यादा युवा जोश को तरजीह देने की कोशिश की गई है। पिछली सरकार के समय विधानसभा में सरकार का बड़ा चेहरा रहे गोविंद डोटासरा ने पांच साल भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को जमकर घेरा लेकिन उन्हें अब मात्र राज्यमंत्री पद पर संतोष करना पड़ा। पांच साल मीडिया के सामने सत्ता पक्ष को घेरने में उन्होंने महती भूमिका निभाई थी| रमेश मीणा भी विधानसभा में उपनेता रहे और सरकार को लगातार विधानसभा में घेरते रहे लेकिन अब केवल राज्यमंत्री से संतोष करना पड़ा। ममता भूपेश एक मात्र महिला चेहरा हैं जिनको कैबिनेट का दर्जा मिलने के आसार थे लेकिन उनको भी राज्यमंत्री से संतोष करना पड़ा|
अब मायूसी के दौरे में
जिन मंत्रियों ने आज शपथ ली उनके चेहरे खिल गए तो बाकी दिग्गज चेहरे जिनको आज मंत्री पद की आस थी उनमें से कई शपथ ग्रहण समारोह तक नहीं आए। गहलोत सरकार में सी पी जोशी, परसराम मोरदिया, राजेन्द्र पारीक, राजकुमार शर्मा, भंवरलाल शर्मा, महेश जोशी, शकुतला रावत, कृष्णा पुनिया, अमीन कागजी, दीपेन्द्र सिंह शेखावत, महेन्द्रजीत सिंह मालवीय, रुपाराम धनदे सहित कई नाम थे जिनका शामिल होना लगभग तय माना जा रहा था। अब इन चेहरों पर मायूसी दिखी। गुटों की तनातनी में कई जनाधार वाले नेता के मंत्री नहीं बनने से वहां की जनता भी मायूस दिखी। लोग आज इनके घर में स्वागत करने के लिए पहुंचने वाले थे लेकिन अब उनके घर लोग असंतोष लेकर पहुंच रहे हैं। जातिगत समीकरण के लिहाज से मंत्रिमंडल में दो राजपूत, तीन वैश्य, दो ब्राह्मण, चार जाट, तीन एसटी, चार एससी, तीन पिछड़ा वर्ग और एक- एक मंत्री गुर्जर और मुस्लिम समाज से बनाया गया है।