गोपाल त्रिपाठी
गोरखपुर। दस साल की सजा काट चुके पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुलतान के रहने वाले आतंकी आदिल अंजुम को अब गोरखपुर से राजस्थान के जेल में शिफ्ट किया जाएगा। उसके ट्रांसफर करने की तैयारी शुरू हो गई है। सजा पूरी कर चुके आदिल को यूपी सरकार राजस्थान को सौंप देगी। उसकी रिहाई से जुड़े फैसले पर अब राजस्थान सरकार ही फैसला लेगी।
34 हजार रुपये के जुर्माने की सजा काट रहा है आतंकी
आजादी की वर्षगांठ पर जेल प्रशासन ने जिन चार बंदियों की रिहाई की सूची शासन को भेजी थी उसमें आतंकी आदिल अंजूम का नाम भी शामिल था।लेकिन शासन ने उसकी रिहाई की अनुमति नहीं दी थी। इसके बाद शासन ने उसे राजस्थान ट्रांसफर करने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि वह राजस्थान का ही मूल रूप से बंदी है। लिहाजा उसकी रिहाई और जुर्माने पर फैसला राजस्थान सरकार ही करना है।
मुल्तान का रहने वाला है आदिल अंजुम
मुल्तान के समीजाबाद में 37-ए गली नम्बर दो का रहने वाला आदिल अंजुम 29 दिसम्बर 2006 से जेल में बंद है। लखनऊ और जयपुर (राजस्थान) के मामलों में कोर्ट ने उसे दस साल की सजा सुनाई थी। आदिल की सजा 2016 में पूरी हो गई है पर उसका जुर्माना नहीं जमा है। उस पर 34 हजार रुपये का जुर्माना लगा है। रकम न जमा करने की सूरत में आदिल को 2020 तक सजा काटनी है।
परिवार से संपर्क के लिए गुहार
आदिल ने घरवालों से सम्पर्क करने के लिए जेल प्रशासन से गुहार लगाई है। उसका कहना है कि उसका एक भाई दुबई में है। अगर उस तक संदेश पहुंच गया तो वह जुर्माना जमा कर देगा। जुर्माना न जमा करने की सूरत में आदिल को 2020 तक सजा काटनी होगी।
इन मुकदमों में आदिल को सजा
लखनऊ में दो केस
आदिल पर कैसरबाग, लखनऊ में दो मुकदमे दर्ज किए गए थे। पहला, मुकदमा संख्या 324/2006 इसमें आदिल पर धारा 115, 120बी, 211, 221ए, 123, 420, 467, 468, 471आईपीसी, 3/4/9 शासकीय गुप्त अधिनियम व 14 विदेशी अधिनियम। दूसरा, मुकदमा संख्या 257/06 इसमें 425 आर्म्स एक्ट की धारा थी।
जयपुर में एक केस
आदिल पर राजस्थान में जयपुर के मानपुर थाने में मुकदमा संख्या 111/09 दर्ज हुआ था। इसमें धारा 224, 225, 353 और 393 के तहत कार्रवाई हुई थी।
इस मामले में गोरखपुर जेल के जेलर प्रेम सागर शुक्ला का कहना है कि 15 अगस्त को बंदियों की रिहाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जाती है। जुर्माने की सजा काट रहे चार बंदियों की रिपोर्ट भेजी गई है। इसमें आतंकी आदिल का नाम भी शामिल है। शासन के निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।