कई सालो बाद बन रहा है खास योग, इस मंत्र के साथ बहने बांधें भाईयो की कलाई पर राखी…

गरिमा मनचंदा 

यहां हर महीने कोई न कोई त्योहार होता ही रहता है और लोग बड़े उत्साह से सभी त्योहार मनाते भी हैं. एक ऐसा ही त्योहार है रक्षाबंधन का त्यौहार,जो भाई बहन के प्यार का प्रतीक है . रक्षाबंधन का  इंतज़ार बहने पूरे साल करती हैं. भाई-बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन इस बार रविवार 26 अगस्त को मनाया जाएगा और इस बार रक्षाबंधन में खास योग बन रहा है. जानिए आप भी …

रक्षाबंधन का त्यौहार हर साल भद्रा काल लग जाता है, मगर इस बार ऐसा नहीं है.

सावन पूर्णिमा 25 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 16 मिनट पर शुरु होगी और 26 अगस्त की शाम 5 बजकर 25 मिनट पर खत्म होगी तो इसलिए इस बार रक्षाबंधन का त्यौहार सावन के महीने में ही मनाया जाएगा और 37 साल बाद रक्षाबंधन पर ऐसा योग बना है. इसलिए अगर आपने शुभ मुहूर्त में राखी बांधी तो उन भाई-बहन का रिश्ता और मज़बूत बनेगा.

आपको बता दें कि भद्रा काल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है, हर साल रक्षाबंधन पर भद्रा काल लगने से राखी बांधने का शुभ मुहुर्त बहुत कम देर का होता था, मगर इस बार ऐसा नहीं है. बहने पूरा दिन भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं. इसके अलावा इस बार रक्षाबंधन पर धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा, इसके अलावा सावन के महीने में राखी बांधने का शुभ मुहुर्त 37 सालों के बाद आया है जो अपने आप में खास मौका है.

शास्त्रों के अनुसार हर शुभ काम करने से पहले शुभ मुहुर्त को निर्धारित किया जाता है और व्यक्ति को उसी के अनुसार शुभ काम करने चाहिए. ऐसा करने से भाई-बहन के बीच प्यार और अपनापन बना रहता है.

हर साल रक्षाबंधन पर राखी बांधने के शुभ मुहूर्त को तलाशा जाता था लेकिन इस बार सावन के महीने में रक्षाबंधन होने की वजह से इसका शुभ मुहुर्त 26 अगस्त की सुबह 5.59 से लेकर दोपहर 3.37 बजे तक रहेगा. इसी शुभ मुहुर्त पर अगर आप अपने भाई की कलाई पर राखी बांधेंगी तो ये आप दोनों के लिए बहुत शुभ होगा.

ऐसा माना जाता है कि अगर आप अशुभ समय पर राखी को बांधते हैं तो इसके अशुभ परिणाम हो सकते हैं.

इस बार अशुभ काल का समय होगा राहुकाल- शाम 4:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक या यम घंटा दोपहर 3.38 से 5.13 बजे तक. इस समय राखी नहीं बांधनी चाहिए. भद्राकाल सूर्य उदय होने से पहले ही समाप्त हो जाएगा और ऐसा 37 सालों के बाद होने जा रहा है.

रक्षाबंधन का त्यौहार हमारे देश में सदियों से मनाया जा रहा है और हर साल इस त्योहार की रौनक बढ़ती ही जाती है.

रहे। भाई-बहन के प्रेम को दर्शाता यह त्योहार इस साल 26 अगस्त को मनाया जाएगा…

रक्षासूत्र होती है राखी
रक्षाबंधन के दिन के लिए बहनें अपने भाई के लिए खास राखी खरीदती हैं, जो उनके स्नेह और प्रेम का प्रतीक होती हैं। राखी रक्षासूत्र भी माना जाती है। मान्यता है कि यह रक्षासूत्र किसी भी बला से भाइयों की रक्षा करता है। राखी बंधने के बाद भाई अपनी बहनों को भी उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं।

ऐसे मनाया जाता है रक्षाबंधन
 रक्षाबंधन के दिन बहनें राखी बांधने से पहले अपने भाइयों का तिलक करती हैं।
 इसके बाद भाइयों को एक हाथ में नारियल दिया जाता है।
 बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी नजर उतारती हैं।
 इसके बाद वे अपने भाइयों की आरती उतारते हुए उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं।
 अंत में बहनें भाइयों को मिठाई खिलाकर उनका मुंह मीठा करती हैं।

इस मंत्र के साथ बहन बांधें राखी
भाइयों को राखी बांधने के दौरान बहनें एक मंत्र का उच्चारण कर सकती हैं।

येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल।

भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधते समय बहन को पूर्वाभिमुख (पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके) होकर भाई के ललाट पर रोली, चंदन व अक्षत का तिलक कर इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।

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