भारत में विलुप्त हो रही दुर्लभ रटौल आम की प्रजाति अब चीन में लहलायेगी

अतुल शर्मा
 
गाजियाबाद। रटौल आम की दुर्लभ प्रजाति जहां देश में विलुप्त होने के कगार पर है वहीं पडोसी देश चीन की इस दुर्लभ प्रजाति पर नजर पड गयी है। आम की इस प्रजाति की विशेषताओ से गदगद चीन वाणिज्य दूतावास के एक प्रतिनिधि मंडल ने आज गाजियाबाद बागपत की सीमा पर स्थित रटौल गांव का दौरा किया और रटौल आम के बागान मालिको से मुलाकात कर इस प्रजाति को चीन में विकसित करने के मुददे पर विस्तार से बातचीत की,और चीन में इस प्रजाति को कैसे ले जाकर इसे वहां के आम बागानो ंके काश्त कारो में कैसे लोक प्रिय किया जा सकता है। आपको बता दे कि रटौल गांव में एक अदभुत किस्म की आम की प्रजाति है जिसकी मिठास किसी भी आम के शौकिन को अपनी तरफ आकर्षित कर देती है।
  
सबसे पहले सैकडो वर्ष पूर्व इस आम की प्रजाति का विकास रटौल गांव में वहां के काश्तकारो ने किया था। इसलिए इस आम का नाम ही गांव के नाम से विख्यात हो गया। रटौल आम की यह प्रजाति उस समय सुर्खियो में छा गयी जब 1971 की लडाई के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुटटो ने भारत की प्रधानमंत्री इंदिरागांधी के लिए पाकिस्तान से रटौल आम की एक टोकरी तोहफे के रूप में भेजी थी। मीडिया में जब यह खबर छपी तो देश की राजधानी से सटे रटौल गांव के बाग मालिको ने रटौल आम की एक नही बल्कि बीसियो टोकरी इंदिराजी की कोठी पर जाकर भेंट की , और उन्हे बताया कि जो आम पाकिस्तान से आया है , इसी रटोल आम की पैदावार आपकी कोठी से मात्र दस किमी की दूरी पर गांव रटौल में पैदा होती है।
जुनैद फरीदी नामक किसान का कहना है 
इस आम का लुत्फ लेने के बाद स्वर्गीय इंदिराजी ने धन्यवाद स्वरूप एक पत्र भी उनके वालिद को  भेजा था। रटौल आम की यह दुर्लभ प्रजाति भटटो के प्रदूषण के कहर के कारण इस समय बेशक विलुप्त होने के कगार पर है  , लेकिन पडोसी देश श्री लंका इन्डोनेशिया पाकिस्तान भूटान बंगलादेश में रटौल आम की यह प्रजाति अपनी खुशबू बिखेर रही है। मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को रटौल गांव में पूर्व सिंचाई मंत्री एवं रालोद के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ0 मेराजुद्दीन के निवास स्थान शीश महल में चाईना से एक दर्जन कृषि विशेषज्ञो का दल पहुंचा। जिसके बाद विदेशियों ने बाग में पहुंचकर रटौल आम के बगीचों के बारे में जानकारी ली ।
उन्होंने आम उत्पादकों से सभी वैरायटी के बारे में जानकारी जुटाई। खास बात यह है कि चीन के इस प्रतिनिधि मंडल ने गांव में पहुंचकर यहां की संस्कृति और रहन.सहन के बारे में भी जानकारी साझा की।  बागो  में काम कर रहे किसानो से भी उन्होने बातचीत  की। चाईना के सीपीपीसीसी के जिलिन प्रोविंशियल कमीटी मिस्टर जिआंग जेलिन ने ग्रामीणों से सरकार द्वारा राशन व् सब्सिडी मिलने की जानकारी ली। चीन दूतावास के आर्थिक और वाणिज्यिक परामर्शदाता मिस्टर ली.बैजूनए और ’मा.गुआंग’ ने बताया कि उन्होने इस दुर्लभ प्रजाति की नस्ल को अपने देश में इजाद करने का फैसला कर लिया है। आगामी मौसम में रटौल आम की इस प्रजाति को चीन ले जाने के लिए सभी अनौपचारिक तैयारियां पूरी कर ली जायंेगी। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के पूर्व सिचाई मंत्री डा0 मैराजुददीन ने मुस्लिम समुदाय की तरफ से दिवाली के अवसर पर मोमबत्ती व् दीपक  भेट कर भारत की धर्मनिरपेक्षता का संदेश दिया।  

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