RBI Monetary Policy 2024 Decision: भारतीय रिजर्व बैंक जल्द ही रियल एस्टेट सेक्टर को देगा बड़ी खुशखबरी ,दरअसल बात ही कुछ ऐसी है बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज यानि 4 दिसंबर से शुरू हो चुकी है, जिसके नतीजे 6 दिसंबर को आएंगे. ज्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बार भी रेपो रेट 6.50% को स्थिर रखा जाएगा. आपको बता दें कि बीते दो साल रियल एस्टेट सेक्टर्स और अपना घर बनाने की चाह रखने वाले होम बायर्स के लिए बेहद अच्छे रहे हैं. इस दौरान रियल एस्टेट सेक्टर में अच्छा बूम देखा गया. इस सेक्टर में निवेश करने वाले को भी अच्छा मुनाफा हुआ है. अब एक बार फिर रिजर्व बैंक के फैसले पर लाखों लोगों की नजरे हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार RBI Repo rate कटौती कर सकता है. वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौजूदा आर्थिक स्थिति में फरवरी 2025 से पहले राहत की संभावना कम है. बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितताओं और मुद्रास्फीति के संभावित प्रभाव को देखते हुए रेपो रेट में बदलाव फिलहाल मुश्किल है. मतलब रेपो रेट 6.50% पर स्थिर रहेगा. हालांकि, निकट भविष्य में इसमें कटौती हो सकती है .
हालांकि, डेवलपर्स और निवेशकों की नजरें इस फैसले पर टिकी हैं कि रेपो रेट में बदलाव होता है या नहीं, क्योंकि रियल एस्टेट सेक्टर को सीधे इससे फायदा हो सकता है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौजूदा आर्थिक स्थिति में फरवरी 2025 से पहले राहत की संभावना कम है. बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितताओं और मुद्रास्फीति के संभावित प्रभाव को देखते हुए रेपो रेट में बदलाव फिलहाल मुश्किल है. मतलब रेपो रेट 6.50% पर स्थिर रहेगा. हालांकि, निकट भविष्य में इसमें कटौती हो सकती है
ब्याज दरों में कटौती से बढ़ेगी मांग
गौड़ ग्रुप के सीएमडी और क्रेडाई NCR के प्रेसीडेंट मनोज गौड़ का कहना है, रेपो रेट स्थिर रहने से बाजार में स्थिरता और विश्वास बढ़ेगा. ये रियल एस्टेट सेक्टर के लिए उत्साहवर्धक होगा. वहीं, सिग्नेचर ग्लोबल के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल का कहना है, फरवरी 2023 से 6.5% पर रेपो रेट को बनाए रखने की मजबूत नीति वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता प्रदान कर रही है. जबकि महंगाई दबाव लगातार बना हुआ है. हालांकि, ब्याज दरों में कटौती से मांग बढ़ेगी और सेक्टर को मजबूती मिलेगी. काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी का कहना है कि दिसंबर तिमाही में ब्याज दरों में कटौती की संभावना पर फोकस है. सिर्फ लग्जरी हाउसिंग ही नहीं बल्कि पूरे सेक्टर पर इस फैसले का असर होगा. एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा का मानना है कि यह फैसला सिर्फ रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के घर खरीदारों के लिए भी महत्वपूर्ण है. खासकर किफायती आवास क्षेत्र में यह कदम मांग को बढ़ा सकता है.