पढ़े लेडीज ! गर्भवती महिलाएं जरुर रखे इन बातो का ध्यान, प्रतिदिन करे व्यायाम…

सामान्य प्रसव के लिए जरूरी है नियमित व्यायाम : डॉ. दीपा त्यागी

गाजियाबाद, । अधिकतर महिलाएं सामान्य प्रसव कराना चाहती हैं लेकिन कई बार परिस्थितियां उन्हें सिजेरियन प्रसव के लिए मजबूर कर देती हैं। गर्भावस्था के दौरान खान पान का ध्यान रखने के साथ ही कुछ व्यायाम किए जाएं तो सामान्य प्रसव की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं। सरकारी अस्पतालों में सामान्य प्रसव का अनुपात निजी अस्पतालों की तुलना में काफी ज्यादा रहता है, इसलिए बेहतर हो कि गर्भधारण होने के साथ ही पास के सरकारी अस्पताल में अपना पंजीकरण कराएं। चलन में यह भी देखा गया है कि महिलाएं प्रसव के दौरान होने वाली असहनीय पीड़ा से डरकर भी सिजेरियन कराने को तैयार हो जाती हैं, लेकिन सर्जरी के बाद होने वाली दिक्कतों के बारे में वे भूल जाती हैं।

महिलाओं को प्रसव के दौरान होने वाली पीड़ा से मुक्ति दिलाने के नाम पर आजकल निजी अस्पताल एपीड्यूरल एनेस्थिसिया से सामान्य प्रसव कराने के भी दावे कर रहे हैं। लेकिन इस विधि से प्रसव के दौरान आने वाली दिक्कतों को वे छिपा जाते हैं और जब इन परेशानियों से सामना होता है तो वे महिला के परिजनों को सिजेरियन प्रसव कराने के लिए तैयार कर लेते हैं। गर्भवती एनेस्थिसिया के चलते पहले ही बेहोशी की हालत में होती है, ऐसे में उन्हें सिजेरियन करने में कोई दिक्कत भी नहीं होती। इसीलिए सरकारी डाक्टर एपिडयूरल एनेस्थिसिया विधि से सामान्य प्रसव कराने की राय नहीं देते।

गाजियाबाद जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. दीपा त्यागी का कहना है कि एपीडयूरल एनेस्थिसिया देकर प्रसव तीन चरणों में किया जाता है। पहले दो चरणों में तो गर्भवती को प्रसव के दौरान होने वाले दर्द का एहसास नहीं होता, लेकिन तीसरे चरण में उसे असहनीय दर्द होता है। उस स्थिति में कई बार सिजेरियन प्रसव के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। एपीडयूरल एनेस्थिसिया के बजाय डा. दीपा त्यागी गर्भवती को कुछ व्यायाम करने की सलाह देती हैं। ये व्यायाम करने के बाद सामान्य प्रसव होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं।

ज्यादा देर खड़े न रहे गर्भवती – डॉ. दीपा बताती हैं कि गर्भास्था के दौरान आखिर के महीनों में महिला को अधिक समय तक खड़े रहने से परहेज करना चाहिए। दरअसल ज्यादा देर तक खड़े रहने से नीचे की ओर बच्चे पर स्थाई गुरूत्वीय बल पड़ता है, जो सही नहीं है।

मसालेदार चीजों से परहेज –गर्भावस्था के दौरान तली हुई और मसालेदार चीजों का सेवन न करें। ताजे फल खाएं। अनानास, पपीता और आम में ब्रोमेलीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और ब्रोमेलीन गर्भाशय की ग्रीवा के लिए एक बहुत ही अच्छा एनजाइम है। जकड़न का अनुभव करने पर गर्भवती को नियमित रूप से आधे घंटे टहलना चाहिए। नियमित रूप से तेज चलने से मांसपेशियां दुरूस्त रहती हैं, जो सामान्य प्रसव के लिए बड़ा जरूरी है। सामान्य प्रसव के लिए हिम्मत और ताकत की जरूरत होती है, इसके लिए हृदय के व्यायाम जरूरी हैं। लेकिन कोई भी व्यायाम केवल डाक्टर की सलाह पर ही करें। नियमित योग भी सामान्य प्रसव की ओर जाने में मदद करता है। दरअसल योग से सांस और दिल की धड़कन नियंत्रित होती है।

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