राज्य सभा सांसद श्री दिनेश शर्मा, साहित्यकार डॉ0 शंभुनाथ, फिल्म हास्य अभिनेता संजय मिश्रा सहित कई गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की।
ग्लोबल क्रिएशन्स, लखनऊ के तत्वावधान में आज अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, में भारत गौरव डॉ. अनीता सहगल ‘वसुधरा’ द्वारा लिखित प्रथम कहानी संग्रह ‘नया सवेरा’ का भव्य विमोचन समारोह दीप प्रज्जवलन कर के किया गया। अतिथियों का स्वागत सत्कार दिनेश कुमार सहगल एवं डॉ0 अनीता सहगल ‘वसुन्धरा’’ द्वारा बुके, स्मृति चिन्ह् और शाल उढ़ाकर किया गया। यह संग्रह समाज और जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है और मानवीय संवेदनाओं को बारीकी से छूता है। मुख्य अतिथि डॉ. दिनेश शर्मा (राज्यसभा सांसद एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश) ने इस अवसर पर कहा ‘नया सवेरा’ न केवल समाज के संघर्षों को प्रदर्शित करती है, बल्कि यह आशा और बदलाव की दिशा में प्रेरणा भी देती है। डॉ. अनीता सहगल ने इस संग्रह में बेहद संवेदनशील विषयों को खूबसूरती से उकेरा है, जो हर पाठक के दिल को छूएगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. शंभुनाथ (पूर्व मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन एवं वरिष्ठ साहित्यकार) ने कहा ‘नया सवेराष् उन कहानियों का संग्रह है, जो समाज के हर वर्ग को अपने साथ जोड़ने में सक्षम है। अनीता जी का लेखन सरल, स्पष्ट और प्रभावी है। यह पुस्तक साहित्य जगत में एक महत्वपूर्ण योगदान साबित होगी।
डॉ. रति शंकर त्रिपाठी (अध्यक्ष, भारतेन्दु नाट्य अकादमी) ने पुस्तक की प्रशंसा करते हुए कहा, यह संग्रह न केवल कहानी कहने की कला को पुनः परिभाषित करता है, बल्कि मानवीय मूल्यों और सामाजिक मुद्दों पर गहरी दृष्टि भी प्रस्तुत करता है। डॉ. हरि ओम (प्रमुख सचिव, समाज कल्याण, उत्तर प्रदेश शासन) ने कहा,‘नया सवेरा’ एक साहित्यिक कृति के रूप में समाज के बदलते परिवेश का सटीक प्रतिबिंब है। इसमें निहित कहानियाँ पाठकों को सोचने और जागरूक करने के लिए प्रेरित करती हैं।
बालीवुड निर्माता/निर्देशन श्री मुकेश पाण्डेय ने पुस्तक के विषयों की सराहना करते हुए कहा इस पुस्तक में जीवन की कठिनाइयों के साथ-साथ उम्मीद और नई शुरुआत का संदेश भी छिपा है। ‘नया सवेरा’ वास्तव में साहित्य के क्षेत्र में एक नई सुबह की तरह है।
डॉ. अनिल कुमार (निदेशक, सूडा, उत्तर प्रदेश सरकार) ने अपने संबोधन में कहा ‘इस संग्रह की कहानियाँ जीवन के हर पहलू को स्पर्श करती हैं और समाज के विभिन्न मुद्दों पर गहन दृष्टिकोण प्रस्तुत करती हैं। अविनाश कृष्ण सिंह, महा निदेशक, तकनीकी शिक्षा ने कहा कि मैंने माननीय मुख्यमंत्री जी के कई कार्यक्रमों का संचालन होते हुए देखा है, उनके संचालन में उनकी वाकपुटता और शब्दों का चयन अद्धितीय होता है, जिससे संचालन में बोले गये शब्द मानस पटल पर अंकित हो जाते हैं। वही विद्या इस कहानी संग्रह में भी देखने को मिल रही है।
बतौर लेखिका डॉ. अनीता सहगल का लेखन में योगदान डॉ. अनीता सहगल न केवल साहित्य की दुनिया में एक प्रतिष्ठित नाम हैं, बल्कि उनके बहुमुखी लेखन ने उन्हें एक अद्वितीय स्थान दिलाया है। उन्होंने विभिन्न विधाओं में अपनी कलम को साधा है, जिनमें कहानियाँ, पटकथा लेखन, कविताएँ, और सामाजिक मुद्दों पर लेख प्रमुख हैं। उनके लेखन का उद्देश्य समाज में जागरूकता और सकारात्मक परिवर्तन लाना है।
फिल्म अभिनेता संजय मिश्रा ने कहा कि अनीता सहगल बालीवुड में एक जाना माना नाम है। मैंने भी इनके साथ दो फिल्में की हैं । अभिनय में इनका कोई जवाब नहीं है। उद्धोषिका अच्छी होने के साथ- साथ वह एक अच्छी लेखिका भी है, मुझे आज पता चला। श्री संजय मिश्रा ने कहा कि यह किताब निश्चत ही समाज में एक नया बदलाव जायेगी।
डॉ. अनीता सहगल की लेखन यात्रा की शुरुआत विभिन्न राष्ट्रीय पत्रिकाओं में लेखन से हुई, जिनमें गृहशोभा,सरिता जैसी पत्रिकाएँ प्रमुख हैं। उन्होंने अपने साहित्यिक योगदान के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों के अनुभवों और संघर्षों को शब्दों के माध्यम से जीवन्त किया है। उनके द्वारा लिखे गए गीत, कहानियाँ, और कविताएँ सामाजिक समस्याओं को उजागर करने के साथ-साथ मानवीय मूल्यों को भी संजीवनी प्रदान करते हैं।
डॉ. अनीता सहगल को राष्ट्रपति और राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। उनकी पुस्तक ‘नया सवेरा’ समाज के संवेदनशील मुद्दों पर गहन दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए लोगों को अपने जीवन में नई शुरुआत करने की प्रेरणा देती है। उनके लेखन की सादगी और स्पष्टता साहित्य प्रेमियों के बीच विशेष रूप से सराही गई है। उनकी लेखनी पाठकों के दिलों को छूने और समाज में जागरूकता लाने का महत्वपूर्ण माध्यम बनी हुई है।
विमोचन कार्यक्रम में बालीवुड हास्य अभिनेता श्री संजय मिश्रा, फिल्म निर्माता/निर्देशक/अभिनेता सिद्धार्थ नागर, फिल्म निर्देशक श्री मुकेश पाण्डेय,न्यायमूर्ति सुधीर सक्सेना सहित कई फिल्मी हस्तियों के साथ-साथ बहुत से जाने माने साहित्यकार उपस्थित रहे।