नाबालिग को रेहड़ी से हटाया, परिवार को भी संभाल रहे डेरा प्रेमी


-किशोर को मजदूरी से हटाकर पढ़ाई करने में लगाया
-सूरज नगर में रहने वाले परिवार को लगातार राशन भी दे रहे
-दो महीने का मकान का किराया और दूध के पैसे भी दिए

गुरुग्राम। सच्ची मानवता देखनी है तो डेरा प्रेमियों की सेवा भावना को देखिये। जो बिना किसी जान-पहचान के, सिर्फ और सिर्फ इंसानियत के नाते अनजान लोगों की सेवा में दिन-रात जुटे रहते हैं। डेरा के सेवादार इसका सारा श्रेय अपने गुरु संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसा को देते हैं। उन्हीं के मार्गदर्शन में सेवादार दीन-दुखियों की सेवा में जुटे हैं। गुरुग्राम की एक अति जरूरतमंद महिला और उसके बेटा-बेटी को डेरा के सेवादार काफी समय से घर का सामान आदि दे रहे हैं।  


डेरा सच्चा सौदा के सेवादार डॉ. संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सा की पावन शिक्षा पर चलते हुए बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज के अवतार माह में मानवता का फर्ज निभा कर सूरत नगर गुरुग्राम में एक अति जरूरतमंद विधवा महिला को हर महीने की तरह इस महीने भी राशन दिया। साथ ही गैस सिलेंडर भरवाया। उस महिला का एक बेटा व एक बेटी है। महिला काफी समय से बीमार है। डेरा के सेवादारों ने महिला व उसके बेटा, बेटी का मेडिकल चेकअप भी कराया है। महिला को टीबी बताई गई। उसका उपचार शुरू कराया। सेवादारों ने महिला का दो महीने का किराया और दूध के लिए पैसे भी दिए हैं। उनका बेटा सूरत नगर में ही एक फास्टफूड की रेहड़ी पर काम करता था। उसे वहां से हटाया और सेवादारों ने उसकी पढ़ाई शुरू कराई है। उसे कॉपी, किताबें व स्टेशनरी का सामान दिया है। साथ ही परिवार के लिए कपड़े भी दिए हैं। महिला की विधवा पेंशन बनवाने के सेवादार प्रयास कर रहे हैं।

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