
डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार (1889-1940) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संस्थापक थे। उनका जन्म महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। हेडगेवार का शिक्षा जीवन और प्रारंभिक राजनीतिक अनुभव उन्हें भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीयता के प्रति जागरूक किया।
1925 में हेडगेवार ने की थी संघ की स्थापना
उन्होंने 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की, जिसका उद्देश्य भारतीय समाज में एकता, संगठन और राष्ट्रीय पहचान का विकास करना था। आरएसएस का मुख्य उद्देश्य हिंदू समाज के लोगों को एक साथ लाना और उन्हें सशक्त बनाना था, ताकि वे स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी कर सकें।
डॉ. हेडगेवार ने संघ के माध्यम से एक व्यावस्थित और अनुशासित कैडर तैयार किया, जिसका असर भारतीय समाज पर पड़ा। उनका सिद्धांत और विचारधारा आज भी संघ और उससे जुड़े संगठनों में लागू होती है। उन्हें एक कुशल संगठनकर्ता और विचारक के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने भारतीय संस्कृति और सभ्यता की पुनर्स्थापना का कार्य किया।
उनका योगदान भारतीय समाज और राजनीति में महत्वपूर्ण रहा, और उनकी स्थापित संस्था ने भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं पर गहरा प्रभाव डाला है।
आरएसएस की स्थापना का उद्देश्य
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में कुमाऊं के गेरुवाधारी नेताओं, विशेष रूप से डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज में एकता, अखंडता और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देना था। उस समय भारत ब्रिटिश राज के अधीन था, और देश में राजनीतिक और सामाजिक अस्थिरता का माहौल था।
हेडगेवार ने इस संगठन की स्थापना करते वक्त कई बातों को ध्यान में रखा:
आरएसएस का एक मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को बढ़ावा देना था। यह भारतीयता की पहचान को स्थापित करने का प्रयास था, जिससे कि जनमानस में एकता का बोध हो सके।
आरएसएस ने समाज के कमजोर वर्गों की मदद करने, शिक्षा के प्रचार, और सामाजिक कामों में भी भागीदारी निभाने की दिशा में कदम बढ़ाया।
संघ का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक मजबूत और जागरूक राष्ट्र का निर्माण करना था, जो कि अपनी संस्कृति और पहचान के प्रति सजग हो।