सेवेरोडोनेट्स्क शहर पर कब्जा करने के लिए कुछ भी करेगी रूसी सेना

यूक्रेन की सेना ने अपने देश के पूर्वी हिस्से में कंट्रोल करीब-करीब खो दिया है। सेवेरोडोनेट्स्क शहर तक यूक्रेनी सेना एक बड़े ब्रिज के जरिए पहुंचती रही थी। अब रूसी सेना ने उसका यह ब्रिज उड़ाकर रसद का रास्ता बंद कर दिया है। यहां बड़ी तादाद में यूक्रेनी सैनिक मौजूद हैं, लेकिन उनके पास हथियारों और गोला बारूद की कमी होती जा रही है। हालांकि, यूक्रेन के दक्षिणी हिस्से और खासतौर पर खेरसॉन इलाके में रूसी सेना का तगड़ा नुकसान हुआ है।

सेवेरोडोनेट्स्क कब्जे को लेकर कई दिनों से जंग जारी

सेवेरोडोनेट्स्क पर कब्जे को लेकर कई दिनों से जंग जारी है। रूस अगर इस हिस्से पर कब्जा कर लेता है तो पूर्वी यूक्रेन पर उसकी पकड़ मजबूत हो जाएगी। रूसी सेनाओं को इस इलाके तक पहुंचने में काफी नुकसान हुआ है।

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक, सेवेरोडोनेट्स्क के जिस ब्रिज को रूसी सेना ने उड़ाया है वो यूक्रेनी सेना के लिए सबसे बड़ा झटका है। यहां कई हफ्ते से लड़ाई चल रही है। एक बड़ी दिक्कत यह है कि यहां बड़ी संख्या में आम लोग फंसे हैं और रूसी सेना इन्हें टॉर्चर कर सकती है।

हिंसा में बड़ी तादाद में मारे गए आम लोग

जानकारी के मुताबिक, सेवेरोडोनेट्स्क में बड़ी तादाद में आम लोग मारे गए होंगे, क्योंकि यह घना बसा हुआ शहर है। कुछ दिन पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की ने सेवेरोडोनेट्स्क के मृत शहर तक कह दिया था। रूसी सेना ने यहां भारी हथियारों का इस्तेमाल किया है। इसके अलावा जंग शहर की सड़कों तक पर लड़ी गई। हालांकि, रूसी सेना को भी यहां काफी नुकसान की आशंका है।

दक्षिणी हिस्से में यूक्रेन फौज हुई मजबूत

जिस खेरसॉन शहर पर रूस एक महीने पहले कब्जा कर चुका था, अब वहां यूक्रेन फौज फिर ग्रिप मजबूत कर रही है। वहीं यूक्रेनी अधिकारियों के हवाले से इसकी पुष्टि भी की है। हालांकि, अब भी यूक्रेन की फौज खेरसॉन से 18 किलोमीटर दूर है। दूसरी तरफ, यह भी सच है कि यूक्रेनी फौज के पास हथियारों की कमी होती जा रही है।

जेलेंस्की को उम्मीद है कि इस महीने के आखिर में होने वाली जी-7 देशों की मीटिंग में यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई पर कोई बड़ा फैसला हो सकता है। पिछले दिनों फ्रांस, जर्मनी और इटली के विदेश मंत्रियों के बीच इस मसले पर वन-टु-वन मीटिंग भी हुई थी।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें