“ओ स्त्री” मत आना! अयप्पा की धरती बनी जंग का मैदान

पम्बा। केरल के सबरीमाला मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार बुधवार की शाम 5 बजे खोल दिया गया। मुख्यद्वार खुलते ही क़तार में खड़े भक्तों का प्रवेश शुरू हो गया और लोगों ने दर्शन पूजा की।  केरल के सबरीमाला मंदिर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा महिलाओं के प्रवेश की इजाजत के बाद बुधवार को पहली बार इसके कपाट खुले. बुधवार को यहां काफी हंगामा हुआ और हजारों महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश की नाकाम कोशिशें की. हालांकि, मंदिर के श्रद्धालुओं ने उन्हें रोका, वहां मारपीट हुई और काफी हिंसा भी हुई. इस मुद्दे पर आज कई संगठनों द्वारा केरल बंद का ऐलान किया गया है.

इस सब के बीच भी महिलाएं बुधवार को मंदिर की सीढ़ियों तक पहुंच गई थीं. अब गुरुवार को कोशिश इससे भी आगे जाने की हो रही है. गुरुवार को न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्टर सुहासनी राज पंबा की पहाड़ियों से होते हुए मंदिर की तरफ पहुंचने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन उन्हें लौटा दिया गया.

बुधवार को भी वह मंदिर की तरफ जाने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रोक दिया था. अब आज वह कड़ी सुरक्षा के बीच पहाड़ी के रास्ते से मंदिर जा रही थीं. लेकिन उन्हें वापस जाने को कहा गया, वह खुद भी मान गई. उन्होंने कहा कि वह यहां पर कोई मुसीबत नहीं खड़ी करना चाहती हैं.

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद पहली बार 17 अक्टूबर शाम 5 बजे जब कपाट खुले तो पूरे देश की नजरें मंदिर पर टिकी थीं. उससे पहले वहां काफी हंगामा हुआ, प्रदर्शनकारियों ने महिला पत्रकारों को निशाना बनाया. आजतक की रिपोर्टर पर भी इस दौरान हमला किया गया था.

सबरीमाला मंदिर में बुधवार को 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं ने ही प्रवेश किया. सुरक्षा कारणों के चलते 10-50 साल की उम्र के बीच की महिलाएं मंदिर तक नहीं पहुंचीं.

क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 साल की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से रोकने की सदियों पुरानी परंपरा को गलत बताते हुए उसे खत्म कर दिया था और सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश करने की इजाजत दी थी.

प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने खदेड़ा
पुलिस ने थजामन परिवार के प्रमुख पुजारी कंदरारू महेश्वरारू की 83 वर्षीय पत्नी देविका अंतरजनम को हिरासत में ले लिया। उनकी 57 वर्षीय बेटी मल्लिका नंबूदिरी को भी पंपा में प्रदर्शन स्थल से पुलिस ने जबरन हटा दिया। बुधवार सुबह 5 बजे पुलिस ने सबरीमाला अनुष्ठान एवं परंपरा संरक्षण समिति के टेंट को उखाड़ फेंका और 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही वहां इकट्ठा लोगों को भी खदेड़ दिया।

हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी सरकार
देवस्वोम मंत्री कदाकमपिल्ली सुरेंद्रन ने कहा कि सरकार सबरीमाला तीर्थ के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी। सन्निधनम में बुधवार सुबह मीडिया से बात करते हुए सुरेंद्रन ने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने को बाध्य है। अब सबरीमाला संरक्षण समिति ने गुरुवार को 12 घंटे राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया है।

बीजेपी ने दिया बंद को समर्थन
बीजेपी, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और अन्य स्थानीय संगठनों ने इस बंद को अपना समर्थन दिया है। यह बंद श्रद्धालुओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के विरोध में बुलाया गया है। वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि वह इस बंद में शामिल तो नहीं हुई लेकिन पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन कर रही है।

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