SC ने सरकार को दिया बड़ा झटका , चुनावी बॉन्ड पर लगाई तत्काल रोक

लोकसभा चुनाव में अब बस कुछ ही समय बाकि रह गया है और इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना पर सरकार को बहुत बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है 5 जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से ये फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस ने कहा, ‘पॉलिटिकल प्रॉसेस में राजनीतिक दल अहम यूनिट होते हैं। पॉलिटिकल फंडिंग की जानकारी, वह प्रक्रिया है,

जिससे मतदाता को वोट डालने के लिए सही चॉइस मिलती है। वोटर्स को चुनावी फंडिंग के बारे में जानने का अधिकार है, जिससे मतदान के लिए सही चयन होता है। ‘सुप्रीम कोर्ट ने 2 नवंबर को फैसला सुरक्षित रखा था CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने तीन दिन की सुनवाई के बाद 2 नवंबर 2023 को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इलेक्टोरल बॉन्ड की वैधता मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने की। इसे लेकर चार याचिकाएं दाखिल की गई थीं। याचिकाकर्ताओं में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR), कांग्रेस नेता जया ठाकुर और CPM शामिल है।

कांग्रेस नेता जया ठाकुर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) समेत चार लोगों ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर याचिकाएं दाखिल की हैं। और इनका कहना है कि चुनावी बॉन्ड के जरिए गुपचुप फंडिंग में पारदर्शिता को प्रभावित करती है। साथ ही ये सूचना के अधिकार का भी उल्लंघन करती है। उनका कहना है कि इसमें शेल कंपनियों की तरफ से भी दान देने की अनुमति दी गई है।

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