काला गेहूं ला सकता है किसानों के जीवन में नई क्रान्ति
भास्कर समाचार सेवा
मैनपुरी।किशनी विकास खण्ड कार्यालय में आयोजित कृषि मेले में जनपद से आये कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को अच्छी उपज लेने के लिये कई मंत्र बताये।
बुधवार को ब्लाॅक में कृषि मेले का आयोजन किया गया। मेले का उद्दघाटन पूर्व ब्लाॅक प्रमुख राहुल राठौर ने फीता काटकर किया। मेले में आये कृषि वैज्ञानिक डा0 शौकत अली ने किसानों को सम्बोधित करने हुये मूंगफली तथा काला गेहूं की पैदावार बढाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि काले गेहूं की पैदावार आम प्रचलन में पैदा किये जा रहे गेहूं की अपेक्षा कुछ कम है। पर इसका विक्री रेट दुगना है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण ने फ्लाॅर मिल बालों को काले गेहूं की खरीद के लिये खासतौर से आदेशित किया था जो चालीस रूपये प्रति किलो की दर से खरीदा गया था। उन्होंने बताया कि काले गेहूं का आटा बाजरे के आटे की तरह होता है पर इसकेे गुण अनगिनत होते हैं। इसका सेवन करने से शुगर, कैंसर, हार्ट अटैक पर नियन्त्रण तो होता ही है। इसको खाने के बाद इसे पचाना बहुत ही आसान होता है क्योंकि इसमें इन्डोसाइनस नाम का हार्मोंस पायाजाता है। इस वर्ष जनपद में किसानों ने अलग अलग जगहों पर करीब 108 एकड जमीन पर किसानों ने काले गेहूं का उत्पादन किया था। नगला कैल, अटा हरैना, सुल्तानगंज तथा किशनी के किसानों ने भी काले गेहूं की फसल बोकर लाभ कमाया था। इसके अलाबा मूंगफली की पैदावार को भी किसानों को पैदा करना चाहिये। अधिकांश किसान आलू की फसल के बाद ही मूंगफली पैदा करते हैं। इसलिये इसमें खाद इत्यादि डालने की आवश्यकता नहीं होती है। परन्तु इस फसल में ट्राइकोडरमा नाम की दबाई का प्रयोग अवश्य करना चाहिये। इस अवसर पर पीडी सतीश चन्द्र पुण्डीर, वैज्ञानिक डा0 शौकत अली, संतोष शर्म, वीडियो महेश चन्द्र त्रिपाठी, एडीओ कृषि नरेश राठौर, राजू राजपूत तथा भारतीय किसान यूनियन (किसान) जिला महामंत्री अतुल पाठक, नीरज यादव, सोनू दुबे, कौशलेन्द्र चौहान, दीपक दीक्षित, अनुराग सक्सैना, जितेन्द्र प्रजापति और महेश शाक्य आदि लोग मौजूद रहे।