लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एससी-एसटी एक्ट के मामले में 6 सितम्बर को सवर्णों द्वारा भारत बंद को भाजपा सरकार की सजिश बताया है। उन्होंने कहा इसमें भाजपा और आरएसएस वाले घिनौनी राजनीति कर रहे हैं। भाजपा शासित प्रदेश में इसका विरोध ज्यादा हो रहा है।
बसपा सुप्रीमो ने शुक्रवार को प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि देश में भाजपा का जनाधार कम हो गया है। इसलिए वह इस एक्ट के साथ खिलवाड़ करने पर अमादा है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा जातियों को बांटना चाहती है। एससी-एसटी एक्ट में संशोधन का विरोध सिर्फ भाजपा शासित राज्यों में कराया गया। अब चुनाव नजदीक आता देख बीजेपी जातिगत तनाव फैलाना चाहती है।
मायावती ने कहा
उनकी पार्टी सिर्फ दलितों की पार्टी नहीं है। बसपा दलित, पिछड़ा, सवर्ण और अल्पसंख्यकों की पार्टी है। उन्होंने कहा उनकी पार्टी सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय की हितैषी है। मायावती ने कहा कि उनकी सरकार में ही पहली बार सवर्णों को आर्थिक रूप से आरक्षण देने की मांग उठाई गई। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार में किसी के साथ अन्याय नहीं हुआ और न ही एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग हुआ।
एससी/एसटी एक्ट में हाल ही में किए गए संशोधन के खिलाफ गुरुवार को भारत बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने बिहार और उत्तर प्रदेश में कई ट्रेनें रोकी और नेशनल हाईवे जाम कर दिया। वहीं, देश के कुछ और उत्तरी राज्यों में भी दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखीं।
BSP wants to say to the people who are protesting against the SC/ST Act & have formed a wrong idea in their head that the act will be misused & communities other than SC/ST & tribals will be oppressed, that our party doesn't agree with this idea: BSP chief Mayawati pic.twitter.com/kYxCXHuwhD
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 7, 2018
बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पंजाब के कई इलाकों में दुकानें, स्कूल और अन्य व्यापारिक संस्थान बंद रहे। हालांकि, आरक्षण विरोधी संस्थाओं द्वारा बुलाई बंद का असर देश के बाकी हिस्सों में कम रहा। बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हिंसा की छिटपुट घटनाएं भी हुईं।
बंद के दौरान यात्रा कर रहे बिहार के दो नेताओं- जदयू नेता श्याम रजक और मधेपुरा से सांसद राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव को गुस्साई भीड़ का सामना करना पड़ा। मधुबनी जा रहे पप्पू ने रोते हुए मीडिया को बताया कि बंद समर्थकों के भेष में अपराधियों ने उन पर जानलेवा हमला किया और गालियां दी। उन्होंने कहा, ‘अगर मेरे साथ सुरक्षाकर्मी नहीं होते, तो वे लोग मेरी हत्या कर देते।’
पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बंद समर्थकों ने बेगूसराय जिले के लाखो थाना अंतर्गत इनियार ढाला के पास से गुजर रहे विधायक श्याम रजक की गाड़ी पर पथराव किया जिसमें उन्हें मामूली चोट आयी और उनका वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। रजक बिहार विधानसभा की अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण समिति के अध्यक्ष हैं, अपनी समिति के साथ अध्ययन यात्रा पर बेगूसराय से खगड़िया जिला जा रहे थे। उन्होंने कहा कि इस हमले में उनके अंगरक्षक और वाहन चालक को भी चोट आई है। जहानाबाद के घोषी थाना क्षेत्र में बंद समर्थकों द्वारा पुलिस पर पथराव किए जाने से अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान) जख्मी हो गए जिनका स्थानीय सरकारी अस्पताल में इलाज कराया गया।
बंद समर्थकों ने पटना के साथ-साथ वैशाली, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, भोजपुर, सिवान, बक्सर, जहानाबाद, गया, नवादा, नालंदा, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर और भागलपुर में कई स्थानों पर सड़क जाम कर यातायात को बाधित किया और ट्रेनें रोकीं। उत्तर प्रदेश में बंद के दौरान आमतौर पर जनजीवन सामान्य बना रहा। मध्यप्रदेश सरकार ने बंद के मद्देनजर प्रदेश के अधिकतर जिलों में एहतियाती तौर पर धारा 144 लगाई थी और समूचे प्रदेश में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए थे। पंजाब और हरियाणा में बंद का मामूली असर देखा गया। हालांकि, पंजाब के फगवाड़ा में दुकानें, कारोबारी संस्थान बंद रहे।