पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में TMC विधायक माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार करने के बाद ED ने बैंकशाल कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में पेशी के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने माणिक को चप्पलें दिखाईं। कार्यकर्ताओं ने इस दौरान चोर-चोर के नारे भी लगाए। शिक्षक भर्ती घोटाले में ED ने पार्थ-अर्पिता के बाद तीसरी बड़ी गिरफ्तारी की है। घोटाले के वक्त भट्टाचार्य शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष थे।
सुप्रीम कोर्ट से मिली थी गिरफ्तारी में राहत
भट्टाचार्य को 29 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी में राहत मिली थी। उस वक्त CBI उन्हें गिरफ्तार करना चाह रही थी, जिस पर भट्टाचार्य कोर्ट चले गए। कोर्ट ने अगले आदेश तक CBI से उन्हें गिरफ्तार नहीं करने के लिए कहा था।
79 दिन से जेल में बंद हैं अर्पिता-पार्थ
ED ने 23 जुलाई को पश्चिम बंगाल के तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता को गिरफ्तार किया था। ED की टीम को अर्पिता के फ्लैट से करीब 49 करोड़ रुपए कैश और गोल्ड मिला था। ED का कहना है कि यह स्कैम करीब 100 करोड़ रुपए का है।
CBI की ओर से शिक्षक भर्ती घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज करने के बाद 22 जुलाई को ED ने पार्थ-अर्पिता के साथ भट्टाचार्य के घर पर रेड मारी थी।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने माणिक को पद से हटाया था
साल 2014 में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के लिए पात्रता परीक्षा में 269 लोगों को फर्जी तरीके से नौकरी देने का आरोप है। गलत प्रश्न का दावा कर इन सभी की उत्तर पुस्तिका में एक-एक नंबर बढ़ा दिए गए थे।
इसके खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जून 2022 में इस पर सुनवाई के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की CBI जांच कराने का आदेश दिया था और माणिक भट्टाचार्य को उनके पद से हटा दिया था
50 करोड़ का अमाउंट कुछ नहीं, 5 हजार करोड़ तक जाएगा
पश्चिम बंगाल में टीचर्स रिक्रूटमेंट का अभी जो बवाल चल रहा है, वो 2014 के एग्जाम का है। गड़बड़ियां कई तरीकों से हुईं। जैसे बिना मेरिट वालों को नौकरी दे दी गई, जो 6th पास हैं उन्हें टीचर बना दिया गया, जिन्होंने एग्जाम ही नहीं दिया उनका भी सिलेक्शन हो गया।