नई दिल्ली । एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया के बाद रिलायंस ने जियो ने भी मोबाइल सेवाओं की दरें बढ़ाने की घोषणा रविवार को कर दी। जियो की बढ़ी हुई नई दरें छह दिसम्बर से प्रभावी होंगी और 40 फीसदी तक महंगी होंगी।
हालांकि, कंपनी ने जारी एक बयान में कहा कि वह उपभोक्ता प्रथम (कंज्यूमर फर्स्ट) के अपने सिद्धांतों पर टिकी हुई है। साथ ही कंपनी ने ये भी दावा किया है कि वह इन वजहों से शुल्क 40 फीसदी बढ़ाने के साथ-साथ 300 फीसदी फायदे देगी। कंपनी ने कहा है कि वह भारतीय दूरसंचार उद्योग को टिकाऊ बनाने रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी। इसके अलावा जियो की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वह दूरसंचार सेवाओं के शुल्क में संशोधन को लेकर केंद्र सरकार के साथ परामर्श प्रक्रिया में सहयोग करते रहेगी।
उल्लेखनीय है कि रिलायंस जियो ने वोडाफोन आइडिया और एयरटेल के द्वारा मोबाइल सेवाओं की दरों को बढ़ाने की घोषणा के बाद ये बयान जारी किया है। वोडाफोन आइडिया ने मोबाइल सेवाओं को 42 फीसदी तक और एयरटेल ने 10-50 फसदी तक महंगी की है। इन दोनों ही मोबाइल कंपनियों की संशोधित दरें 3 दिसंबर से प्रभावी होंगी।
एयरटेल ने भी प्रीपेड दरों में 42 प्रतिशत वृद्धि की
वोडाफोन आइडिया के प्रीपेड दरों में बढ़ोतरी की घोषणा के कुछ घंटों बाद रविवार को भारती एयरटेल ने भी प्रीपेड मोबाइल सेवाओं की दरें तीन दिसम्बर से 42 प्रतिशत तक बढ़ाने की घोषणा की है।
एयरटेल ने बयान में कहा, भारती एयरटेल अपने मोबाइल उपभोक्ताओं के लिये संशोधित शुल्क की घोषणा कर रहा है। ये दर मंगलवार से लागू होंगी। कंपनी ने कहा कि नए प्लान उपभोक्ताओं को 42 प्रतिशत तक महंगे पड़ेंगे। एयरटेल के नये प्लान के अनुसार शुल्क में 50 पैसे प्रतिदिन से लेकर 2.85 रुपये प्रतिदिन तक की वृद्धि की गई है और इनके साथ डेटा एवं कॉलिंग के लाभ की पेशकश की गई है। कंपनी ने कहा कि वह शुल्क वृद्धि के बदले में उपभोक्ताओं को एयरटेल थैंक्स प्लेटफॉर्म का लाभ देगी। उल्लेखनीय है कि प्रतिस्पर्धी कंपनी वोडाफोन आइडिया ने भी प्रीपेड मोबाइल सेवाओं की दरें 42 प्रतिशत तक बढ़ाने की रविवार को घोषणा की है।
वोडाफोन आइडिया की अनलिमिटेड डेटा और कॉलिंग महंगी
वोडाफोन आइडिया ने सिर्फ अनलिमिटेड डेटा एवं कॉलिंग की सुविधा वाले प्रीपेड प्लान की दरें बढ़ायी हैं. वोडा-आइडिया ने दूसरे नेटवर्क पर की जाने वाली कॉल के लिए प्रति मिनट 6 पैसे का शुल्क लगाने की भी घोषणा की है. एयरटेल ने सीमित डेटा एवं कॉलिंग वाले प्लान के शुल्कों में भी संशोधन किया है. वहीं, रिलायंस जियो ने एक बयान में कहा कि वह उपभोक्ता – प्रथम के अपने सिद्धांतों पर टिकी हुई है.
जियो ने दावा किया है कि वह इस कारण शुल्क 40 प्रतिशत तक बढ़ाने के साथ 300 प्रतिशत तक अधिक फायदे भी देगी. जियो ने वोडाफोन आइडिया और एयरटेल के द्वारा बढ़ी दरों की घोषणा के बाद बयान जारी किया. निजी क्षेत्र की इन तीन प्रमुख दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों ने शुल्क में वृद्धि ऐसे समय की है जब दूरसंचार क्षेत्र पर वित्तीय संकट मंडरा रहा है. मोबाइल कंपनियों के संगठन सीओएआई तथा दो प्रमुख उद्योग मंडल सीआईआई एवं फिक्की ने इस क्षेत्र को डूबने से बचाने के लिए सरकार को लिखा है.
वोडाफोन के सालाना प्लान में सबसे ज्यादा वृद्धि
वोडाफोन आइडिया की विज्ञप्ति के मुताबिक , उसने सर्वाधिक 41.2 प्रतिशत की वृद्धि सालाना प्लान में की है. उसके इस प्लान की दर 1,699 रुपये से बढ़कर 2,399 रुपये हो गयी है. इसी तरह रोजाना डेढ़ जीबी डेटा की पेशकश के साथ 84 दिन की वैधता वाले प्लान की दर 458 रुपये से 31 प्रतिशत बढ़ा कर 599 रुपये कर दी गयी है.
वोडाफोन का 199 रुपये वाला प्लान अब 249 रुपये में
वोडाफोन आइडिया का 199 रुपये वाला प्लान अब 249 रुपये का हो जाएगा. कंपनी ने इसके साथ ही अन्य नेटवर्क पर आउटगोइंग कॉल करने पर छह पैसे प्रति मिनट की दर से शुल्क लगाने की भी घोषणा की है.
एयरटेल का सालाना प्लान 41 फीसदी महंगा
एयरटेल ने सालाना प्लान को 41.14 प्रतिशत बढ़ा कर 1,699 रुपये की जगह 2,398 रुपये का कर दिया है. कंपनी का सीमित डेटा वाला सालाना प्लान अब 998 रुपये की जगह तीन तारीख से 1,498 रुपये का हो जाएगा. इस प्लान की दर में यह 50.10 प्रतिशत की वृद्धि है. इसी तरह एयरटेल ने 82 दिन की वैधता के साथ असीमित डेटा वाले प्लान को 499 रुपये से 39.87 प्रतिशत बढ़ाकर 698 रुपये और सीमित डेटा कर दिया है.
एयरटेल की 82 दिन की वैधता वाले प्लान की दर 33.48 प्रतिशत महंगी हो गयी है. इसकी दर अब 448 रुपये से बढ़ाकर 598 रुपये कर दी गयी है. इन दोनों प्लान की वैधता अब 82 दिन की जगह 84 दिन होगी. कंपनी ने 28 दिन की वैधता वाले विभिन्न प्लान की दरों में 14 रुपये से लेकर 79 रुपये तक की वृद्धि की है.
टेलीकॉम कंपनियों ने क्यों बढ़ाई दरें?
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर केंद्र की बात को सही करार देते हुए कंपनियों को आदेश दिया है कि वे उसके आधार पर सरकार को पुराना सांविधिक बकाया चुकाएं जो करीब 1.47 लाख करोड़ बनता है. न्यायालय ने 24 अक्टूबर 2019 को दूरसंचार राजस्व आकलन के सरकार के तरीके को सही माना. इसके तहत लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्कों की गणना की जाती है.
इस आदेश के तहत शुरुआती अनुमान के अनुसार एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अन्य दूरसंचार परिचालकों को सरकार को तीन महीने के भीतर 1.33 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ सकता है. सरकार ने कंपनियों को राहत देते हुए स्पेक्ट्रम की किस्तों के भुगतान के लिए दो साल (2020-21 तथा 2021-2022) की मोहलत दे दी है. समझा जाता है कि इससे उन्हें 42,000 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी.