भास्कर समाचार सेवा
साहिबाबाद।हिंडन नदी में सात गायें मृत अवस्था पाई गईं, जिन्हें लेकर सनसनी फैल गई कि आखिर इन गायों का हत्यारा कौन है? गायों के मुंह पर बोरी लपेट कर बोरी को गर्दन पर रस्सी से बांधा हुआ था।
हिंडोन पर्यावरण उपाध्यक्ष आशीष पाल ने बताया कि सबसे पहले एक गाय को हिंडन पुल के पास नदी में एक गाय को देखा। पास जाने पर पता चला कि गाय मरी हुई थी और उसके मुंह को बोरी से बंद कर गले पर रस्सी बांधकर बोली को बंद किया गया था। उन्होंने अपने साथियों की मदद से गाय को बाहर निकाला तो देखा हिंडन नदी के दूसरे छोर पर भी कुछ गांयों के शव पड़े हैं, जिनकी संख्या 7 थी। उनका कहना था कि ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने गायों को बोरी से ढका और मारने के लिए उनके मुंह को बोरी से ढका और बोरी को गर्दन पर रस्सी से बांध दिया। जिससे दम घुटने से सभी गाय मर गईं। गायों के शव को देखने से पता चलता है कि यह मामला 7- 8 दिन पुराना है और किसी ने गायों की कहीं और हत्या कर अपराध छुपाने की नियत से गायों को किसी वाहन में लादकर लाया गया और यहां नदी में गायों के शव डाल दिए गए।
इस मामले में उन्होंने डॉ सौरव को मौके पर बुलाया है जो गायों को देखकर अन्य जानकारी दे सकेंगे। इसके अलावा गायों के अंतिम संस्कार के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन से सहयोग लेकर वे बंदोबस्त कर रहे हैं । उनका यह मानना था कि गायों को कहीं और मारकर यहां डाला गया है लेकिन दुख की बात यह है कि पास में ही हिंडन पुलिस चौकी है पुलिस वालों को इस घटना का पता क्यों नहीं चला। इस तरह की घटनाओं से न केवल गौ माता के साथ हुई बर्बरता की घटना का पता चलता है बल्कि गायों के शवों के नदी में डालने से हिंडन नदी का जल भी प्रदूषित होता है। क्योंकि इस जल का प्रयोग पीने के लिए भी किया जाता है। नदी का जल प्रदूषित होने से बीमारी फैलने का अंदेशा रहता है। उनका यह भी कहना था कि हिंडन नदी के पास में एक गौशाला भी है। उसकी भी जांच होनी चाहिए कि कहीं गाय उस गौशाला से संबंधित तो नहीं है? जिनकी मृत्यु के बाद शव को दफनाने के लिए के बदले गायों को जल प्रवाह किया गया हो।
ट्रांस हिंडन डीसीपी दीक्षा शर्मा नहीं बताया कि
मुख्य पशु चिकित्सक डॉक्टर महेश कुमार ने बताया किगायों का पोस्टमार्टम कर उनका बिसरा सुरक्षित रख लिया गया है। जिससे गायों की मौत की असली वजह पता चल सके।
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