नई दिल्ली । अफजल गुरु की फांसी के सात साल बाद तिहाड़ जेल निर्भया के दोषियों को शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे फांसी पर लटका दिया जाएगा। जेल प्रशासन की ओर से फांसी की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है।
फांसी की तैयारी के लिए जेल मैनुअल के मुताबिक जेल प्रशासन ने डमी ट्रायल और अन्य प्रक्रियाएं कर चुकी है। मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को अदालत निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या करने का दोषी करार दिया और उन्हें 20 मार्च को फांसी पर लटकाने का डेथ वारंट जारी किया है। आदेश के मुताबिक तिहाड़ जेल में शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे सभी दोषियों को फांसी दी जाएगी। साउथ एशिया की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ में पहली बार किसी मामले के चार दोषियों को एक साथ फांसी दी जा रही है। तिहाड़ जेल में 16 हजार विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदी बंद हैं।
जेल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को ही दोषियों को फांसी देने के लिए मेरठ से जल्लाद पवन को बुलाया लिया गया है। जल्लाद दो दिनों तक डमी से फांसी की ट्रायल करने के बाद अब दोषियों को फांसी देने के लिए तैयार है। जेल मैनुअल के मुताबिक फांसी से एक दिन पहले जेल अधीक्षक फंदे और तख्ते की जांच करता है। फांसी के दौरान जेल अधीक्षक, उप अधीक्षक, मेडिकल ऑफिसर, जिला मजिस्ट्रेट या अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट मौजूद रहेंगे। साथ ही दस सिपाही, दो हवलदार, वार्डर और हेड वार्डर मौजूद रहेंगे। फांसी के दौरान जेल में बंद कैदियों को बाहर आने की इजाजत नहीं होगी और न ही कैदियों के परिजनों को फांसी के समय वहां मौजूद होने की इजाजत होगी।
मेडिकल अधिकारी दोषियों के वजन के मुताबिक रस्सी की लंबाई तय करता है ताकि फांसी के समय किसी प्रकार की कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े। हर दोषी के लिए अलग से दो अतिरिक्त रस्सी का इंतजाम किया जाता है। फांसी का ट्रायल होने के बाद उसे बॉक्स में रखकर उसे जेल उप अधीक्षक के निगरानी में रखा जाता है। फांसी से पहले दोषियों की मांग पर एक पुजारी की व्यवस्था की जाती है। फांसी के दिन सभी जेल अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में जल्लाद दोषियों को फांसी के फंदे पर लटका देता है।
सात साल पहले तिहाड़ में अफजल गुरु को दी गई थी फांसी
निर्भया के चार दोषियों को शुक्रवार सुबह फांसी पर लटका दिया जाएगा। इससे सात साल पहले संसद पर हमला के मामले में दोषी अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को फांसी पर लटकाया गया था। उसे सुबह 8 बजे फांसी पर लटकाया गया था। उसके शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया था और जेल परिसर में ही उसके शव को दफना दिया गया था।