मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि बिहार के एक और जिले से यौन शोषण का मामला सामने आया है। गया जिले के अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध धर्म स्थल बोधगया स्थित एक बौद्ध मठ में असम के 15 बाल लामाओं का शारीरिक और यौन शोषण की बात सामने आई है।
पुलिस के मुताबिक
बोधगया थाना क्षेत्र के मस्तीपुर स्थित प्रजना ज्योति बुद्धिस्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर के बच्चों ने पढ़ाने के नाम पर भिक्षु भंते सुजाय संघप्रिय पर दुराचार, अनैतिक कार्य, मारपीट और भोजन नहीं दिए जाने का आरोप लगाया है।
भंते संघ प्रिय के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। शारीरिक और यौन शोषण करने के आरोपी भंते संघ प्रिय सुजॉय को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा दिया गया. पुलिस ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
Bihar: The Buddhist monk of Bodh Gaya's Prajna Jyoti Buddhist School & Meditation Centre who was held by police on 29 August for allegedly sexually abusing children of the school was sent to the jail by a Gaya Court yesterday. (30.08.2018) pic.twitter.com/hvlSpSMWdW
— ANI (@ANI) August 30, 2018
पीड़ित बच्चों की मेडिकल जांच किए जाने के साथ न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष उनका बयान रिकॉर्ड किए जाने के बाद उन्हें अपने परिजनों के साथ घर जाने की इजाजत दे दी गयी है।
बताया जा रहा है कि केंद्र में करीब 21- 22 कमरे थे, जिनमें से सिर्फ तीन में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे. पुलिस इन कैमरों की जांच करेगी।
वहीं अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिषद ने इस मामले पर बोधगया में एक बैठक बुलाई जिसमें धार्मिक शिक्षा के नाम पर बच्चों के साथ इस तरह के घिनौने कृत्य की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया।
जानिए क्या है पूरा मामला
इस बीच अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिषद (आईबीसी) ने इस मामले पर विचार के लिए आज बोधगया में एक आपातकालीन बैठक बुलाई थी जिसमें धार्मिक शिक्षा के नाम पर बच्चों के साथ इस तरह के घिनौने कृत्य की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें सच्चाई को सामने लाने में जांच दल को सभी तरह का सहयोग करने का संकल्प लिया गया.
परिषद के सदस्यों ने बोध गया स्थित प्रत्येक मठ की गतिविधियों पर नजर रखने का फैसला किया और कहा कि कुकृत्य में शामिल पाए गए लोगों को आईबीसी सदस्यता से वंचित कर दिया जाना चाहिए. आईबीसी सचिव प्रज्ञा भंते ने बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि बोध गया में 160 से अधिक बौद्ध मठ हैं जिनमें से केवल 55 ही परिषद के साथ या बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति (बीटीएमसी) के साथ पंजीकृत हैं.
आईबीसी सचिव ने कहा कि जिला प्रशासन को शेष मठों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उनका पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए. बोधगया के मस्तीपुर गांव में प्रसन्ना जयोति बुद्धिस्ट स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर में पिछले एक साल से उपरोक्त बच्चों को बौद्ध धर्म को लेकर प्रशिक्षित किया जा रहा था. इन बच्चों के परिजन की शिकायत पर यह मामला प्रकाश में आया.