शालिगराम तोमर ने विद्यार्थी परिषद के एक-एक विद्यार्थी को गढ़ने का कार्य किया: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

  • सूर्यकांत केलकर जी को शालिगराम तोमर स्मृति राष्ट्र सेवी सम्मान से सम्मानित किया गया
  • नवलय संस्था द्वारा शालिगराम तोमर स्मृति समारोह आयोजित

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विद्यार्थी परिषद के संस्थापक यशस्वी श्री शालिगराम तोमर जी ने विद्यार्थी परिषद के एक -एक विद्यार्थी को गढ़ने का कार्य किया। उन्होंने कार्यकर्ता की गलतियों को क्षमा कर उनके अंदर छुपी अच्छाईयों को निखारने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि श्री शालिगराम जी ने विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के निर्माण के लिए उनके गुण- अवगुणों का बारीकी से अध्ययन कर उनकी प्रतिभा को उभारने में योगदान दिया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव मानस भवन में नवलय संस्था द्वारा आयोजित ” शालिगराम तोमर स्मृति समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्री श्यामाप्रसाद मुखर्ली और श्री शालिगराम तोमर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की तथा मां भारती के चित्र पर दीप प्रज्जवलित कर समारोह का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थी परिषद के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री सूर्यकांत केलकर जी को शाल, स्मृति चिन्ह और सम्मान पत्र भेंट कर शालिगराम तोमर स्मृति राष्ट्र सेवी सम्मान से सम्मानित किया। समारोह में शालिगराम तोमर की धर्मपत्नी श्रीमती शांता तोमर तथा परिवार के अन्य सदस्य, छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव, सांसद श्री बृज मोहन अग्रवाल एवं अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि व संस्था के पदाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि श्री शालिगराम जी ने आपातकाल में जो कार्यकर्ता जेल में थे, उनके परिवारों से जीवंत सम्पर्क कर उनका उत्साह बनाये रखने में प्रमुख भूमिका निभाई। श्री शालिगराम जी को 1978 में ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ का दायित्व सौंपा गया। उन्होंने महाकौशल, मध्यप्रदेश, उड़ीसा तथा उत्तर प्रदेश में विद्यार्थी परिषद के कार्य को मजबूत किया। इस दौरान बने कई कार्यकर्ताओं ने भविष्य में राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में प्रतिष्ठा प्राप्त की।

वरिष्ठ नेत्री एवं समाज सेवी श्रीमती डॉ. मल्लिका नड्डा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि श्री शालिगराम तोमर जी छात्राओं और महिला कार्यकर्ताओं के कार्यों पर भी पैनी नजर रखते थे। उनसे न केवल कार्य करने की प्रेरणा मिली बल्कि देश सेवा की सीख भी मिली। श्री शालिगराम जी ने छात्राओं को संगठन मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर देने का प्रयास किया।

वह महिला कार्यकर्ताओं और छात्राओं को आगे कार्य करने का अवसर देना चाहते थे। श्रीमती नड्डा ने कहा कि शालिगराम जी का कहना था कि केवल राजनीतिक क्षेत्र का ही चयन नहीं करना चाहिए बल्कि अलग-अलग क्षेत्रों में अपना भाग्य आजमाएं और जिस क्षेत्र का चयन करें उसमें लीडर की भूमिका निभाने का प्रयास करें। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव ने कहा कि श्री शालिगराम तोमर जी ने विद्यार्थियों के हित में असाधारण कार्य किया। उनका जीवन कठिन परिस्थितियों से भरा हुआ था।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में पौधा रोपण कर प्रकृति संवर्धन और संरक्षण का संदेश दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्मृति चिन्ह और पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्री शालिगराम जी की धर्मपत्नी श्रीमती शांता तोमर का शाल, स्मृति चिन्ह और श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने “नवलय अनुबोध” पत्रिका का विमोचन भी किया।

समारोह में श्री अभय महाजन तथा मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से पधारे बड़ी संख्या में विद्यार्थी परिषद के वरिष्ठ कायकर्ताओं ने अपने स्मरण सुनाए। समारोह में पूर्व सांसद सुश्री प्रज्ञा ठाकुर और विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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