
कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के 1971 के नेतृत्व को उभारते हुए मोदी सरकार की युद्ध नीति की आलोचना शुरू कर दी है, जिसके बाद राजनीतिक माहौल गरम हो गया है। यह बहस उस समय तेज हो गई है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा हुई है। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर तीव्र चर्चा हो रही है, और इसी बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर का एक अहम बयान सामने आया है।
शशि थरूर ने कहा कि 1971 और 2025 के हालात एक जैसे नहीं हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान स्थिति और 1971 के युद्ध जैसे नहीं हैं, और तनाव बेवजह नियंत्रण से बाहर हो रहा है। थरूर ने अपने बयान में कहा, “हमारे लिए शांति जरूरी है। सच्चाई यह है कि दोनों समय के हालात में काफी फर्क है।” हालांकि उन्होंने युद्ध रोकने या उसकी आलोचना करने का समर्थन किया, लेकिन स्पष्ट किया कि वर्तमान परिस्थितियों में शांति ही प्राथमिकता होनी चाहिए।
इस बयान के बाद कांग्रेस द्वारा सोशल मीडिया पर चलाए गए अभियान में इंदिरा गांधी के 1971 के नेतृत्व का ज़िक्र करते हुए मोदी सरकार के युद्ध नीति की आलोचना की जा रही है। कांग्रेस की इस रणनीति पर भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों ने भी प्रतिक्रिया दी है।
बता दें कि इससे पहले, कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर अपने अभियान में इंदिरा गांधी के समय की युद्ध नीति को याद दिलाते हुए सरकार की नीति पर सवाल उठाए थे। अब शशि थरूर का यह बयान इस बहस को और भी तीव्र कर गया है, जिसमें दोनों पक्ष अपने-अपने तर्क प्रस्तुत कर रहे हैं।