भाजपा को करारा झटका, अब इस पार्टी के टिकट पर आगामी चुनाव लड़ेंगे शत्रुघ्न सिन्हा

भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा बुधवार को जेडीयू के बदले आरजेडी की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए.

पटना: बिहार में पाक माह रमजान के मौके पर राजनीतिक दलों द्वारा ‘दावत-ए-इफ्तार’ की परंपरा पुरानी है, लेकिन इस वर्ष राजनीतिक दलों द्वारा आयोजित दावतों में सियासी चेहरे बदले नजर आए, जो भविष्य की राजनीति की बदलती तस्वीर के संकेत भी दे गए. आरजेडी की दावत से अशोक चौधरी और नीतीश कुमार नदारद रहे, जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिग्गज नेता, सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा ने आरजेडी की ओर से दी गई दावत की शोभा बढ़ाई. इसी के साथ यह भी लगभग तय हो गया है कि शत्रुघ्न सिन्हा 2019 का लोकसभा चुनाव बीजेपी की ओर से नहीं बल्कि आरजेडी की ओर से लड़ेंगे.

तेजस्वी की इफ्तार पार्टी में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेटी और सांसद मीसा भारती ने अगले लोकसभा चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा को पटना साहिब से आरजेडी का टिकट दिए जाने की घोषणा की. इससे उन्होंने बिहार में सियासी समीकरण बदलने के आसार पर मुहर भी लगा दी. बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी अपने अंदाज में कहा, “सिचुएशन जो भी हो, स्थान यही होगा.”

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, “लालू जी, राबड़ी जी, तेजस्वी, तेज, मीसा मेरे पारिवारिक मित्र हैं. मैं यहां उनके आमंत्रण पर आया हूं. बीजेपी मेरी पार्टी है लेकिन ये लोग मेरे परिवार हैं.”

जेडीयू की इफ्तार पार्टी में शामिल हुआ आरजेडी विधायक

आरजेडी और जेडीयू, दोनों बड़ी पार्टियों ने एक ही दिन यानी बुधवार की शाम दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया था. जेडीयू द्वारा बुधवार को दी गई इफ्तार पार्टी से लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव नदाराद रहे, लेकिन वर्तमान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित बीजेपी के तमाम नेता और अशोक चौधरी भी नजर आए. खास बात यह कि जेडीयू की दावत में कांग्रेस के विधायक सुदर्शन कुमार और संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी और आरजेडी विधायक महेश्वर प्रसाद यादव भी शमिल हुए.

इससे पहले, एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के प्रमुख रामविलास पासवान ने भी इफ्तार की दावत दी थी, जिसमें बीजेपी और जेडीयू के नेता पहुंचे थे, लेकिन एनडीए के घटक दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा नहीं पहुंचे. रालोसपा की ओर से भी रविवार को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी समेत लोजपा के नेताओं को आमंत्रित किया गया था. उनकी इफ्तार पार्टी में बीजेपी के कुछ नेता तो पहुंचे, लेकिन जेडीयू और लोजपा के नेताओं ने इससे किनारा कर लिया. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतनराम मांझी ने भी दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया था, जिसमें आरजेडी और कांग्रेस के ज्यादातर नेता पहुंचे थे.

जेडीयू के नेता अशोक चौधरी कहते हैं 

इस पाक माहे रमजान पर सियासत नहीं, इबादत की बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आमंत्रित तो कई जगहों से किया जाता है, लेकिन समय के अभाव में लोग सभी जगह नहीं पहुंच पाते हैं, ऐसे में इसे सियासत के रूप में नहीं देखना चाहिए. बहरहाल, इस पाक रमजान ने बिहार में नई सियासी तस्वीरें दिखाई हैं, अब आने वाला समय ही बताएगा कि इस ‘ट्रेलर’ की फिल्म किसके लिए ‘सुपर हिट’ होती है.

वैसे पिछले वर्ष की तुलना की जाए तो इस बार राजनीतिक दलों के दोस्त बदले नजर आए. पिछले वर्ष आरजेडी की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 10, सर्कुलर रोड स्थित आवास पर आयोजित इफ्तार की दावत में महागठबंधन के तमाम नेता पहुंचे थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पहुंचने पर उनका स्वागत खुद लालू प्रसाद ने किया था. नीतीश के पास लालू बैठे थे और उनसे कांग्रेस के अध्यक्ष व तत्कालीन शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी गुफ्तगू करते नजर आए थे.

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