महात्मा गांधी की जयंती पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के 36 घंटों तक निरंतर चलने वाले विशेष सत्र में पहुंचे शिवपाल यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के विभिन्न कार्यों की तारीफ की। इसके साथ ही उन्होंने कई मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। सदन में वह विपक्ष की सीट पर बैठे।
उन्होंने कहा कि सरकार ने कई अच्छे कार्य किए हैं। उन्होंने इन्वेस्टर्स समिट की तारीफ करते हुए इसे अच्छा आयोजन बताया, लेकिन ये भी कहा कि जितने निवेश की बात हुई उतना निवेश नहीं आया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को गैस सिलेंडर दिया गया, यह एक अच्छी योजना है, लेकिन मेरा सुझाव है कि गैस सिलेंडर के लिए गरिबों को सब्सिडी दी जाए। इसी तरह आवास योजना में उत्तर प्रदेश ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, यह अच्छी बात है, लेकिन अभी भी बहुत लोगों को आवास की जरूरत है। सरकार को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए। उन्होंने अगस्त क्रांति के दिन प्रदेश में वृक्षारोपण के बनाए रिकार्ड की भी तारीफ की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि प्रदेश का नेतृत्व ईमानदार मुख्यमंत्री के हाथों में है। मुख्यमंत्री मेहनती हैं, लेकिन उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि पुलिस संवेदनशील नहीं है, अभी पुलिस को कसने की जरूरत है। कई जगहों पर मुकदमा नहीं लिखा जा रहा है। उन्होंने खुले में शौच से मुक्त यानी ओडीएफ को लेकर भी सवाल उठाये और कहा कि इस सम्बन्ध में गलत आंकड़े दिए जा रहे हैं। इस पर ध्यान दिया जाना जरूरी है। इसी तरह किसानों की भी कई समस्याएं हैं, जिनका समाधान नहीं हो पाया है। नहरों में पानी नहीं पहुंचा, साथ ही उन पर मनमाने तरीके से जुर्माना लगाया गया। शिवपाल यादव ने बिजली की समस्या का भी जिक्र किया और कहा कि वह कल बदायूं के दौरे पर थे। जहा एक घंटे में 15 बार बिजली गई। आज यह एक बड़ी समयस्या है, इस पर ध्यान देना चाहिए। बिजली की स्थिति सही नहीं है।
शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया है लेकिन तकनीकी तौर पर अभी भी वह सदन में समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं। सपा ने प्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए विशेष सत्र का बहिष्कार किया है। कुछ समय पहले शिवपाल की सदस्यता रद्द करने को लेकर नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भी लिखा गया है। चौधरी ने कहा है कि उन्होंने जसवंत नगर से सपा विधायक शिवपाल की विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने को लेकर याचिका दाखिल की है। अगर शिवपाल अपने दल प्रसपा को भंग कर सपा में शामिल हो जाते हैं तो पार्टी उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त करने को लेकर दायर याचिका वापस लेने पर विचार करेगी।