VIDEO : सावन महीने में लोग रखते हैं ये व्रत, जानें पूजा का सही समय और महत्‍व

नई द‍िल्‍ली : सावन का महीना जहां श‍िव भक्‍त‍ि और पूजन से जुड़ा है वहीं इस महीने में देवी पार्वती की भी व‍िध‍िवत पूजा की जाती है। सावन माह के हर मंगलवार को देवी पार्वती का पूजन मंगला गौरी व्रत के तौर पर किया जाता है। मान्‍यता है कि अगर ये व्रत अव‍िवाहित कन्‍याएं पूरे योग के साथ करती हैं तो शादी के उनके योग तेज होते हैं। साथ ही भावी पति की उम्र बढ़ने के साथ तरक्‍की भी होती है।

वहीं शादीशुदा औरतें इस व्रत को पति की लंबी उम्र व सेहत के लिए रखती हैं। इस व्रत को रखने के ल‍िए सावन के हर मंगलवार को सुबह जल्‍दी उठकर नए कपड़े पहन कर मां मंगला गौरी यानी देवी पार्वती के च‍ित्र या मूर्ती की व‍िध‍िवत पूजा करनी चाहिए। चौकी पर सफेद या लाल साफ कपड़े पर इसे रखकर पूजन व‍िध‍ि पूरी करें।

याद रखें क‍ि मंगला गौरी पूजा में 16 की संख्‍या का बहुत महत्‍व है। इसलिए पूजा में जहां दीपक 16 बत्‍त‍ियों वाला जलाना चाहिए तो वहीं मां को 16 चीजों का भोग लगाना चाहिए।  साथ ही सुहाग की निशानी के लिए 16 चूड़‍ियां भी चढ़ानी चाह‍िए। पूजन की ये सामग्री बाद में किसी सुहागिन को दान की जा सकती है।

मंगला गौरी व्रत खासतौर पर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और बिहार में प्रचल‍ित है। हालांकि देश के अन्‍य हिस्‍सों में भी इसे मनाया जाता है लेकिन वो तारीख इन राज्‍यों से अलग रहती है। 2018 के सावन के महीने में मंगला गौरी व्रत की शुरुआत इस माह के पहले द‍िन यानी 28 जुलाई से करें। इसके बाद 31 जुलाई, 7 अगस्‍त, 14 अगस्‍त और 21 अगस्‍त को लगातार मंगला गौरी व्रत रखें। सावन 2018 महीने का समापन 26 अगस्‍त को हो रहा है। लिहजा इस महीने का अंतिम मंगला गौरी व्रत इस तारीख को रखा जाएगा।

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