भास्कर ब्यूरो
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में सरकारी धन के दुरुपयोग और बंदर बांट का बड़ा मामला सामने आया है। सामुदायिक शौचालय सहित सरकारी योजनाओं से किए गए ज्यादातर निर्माण हाथी का दांत साबित हो रहे हैं। मामला जिले के बढ़नी ब्लॉक के पड़रिया गांव का है।
गांव में घुसते ही बाएं तरफ घरों के बीच से जा रही है यह सड़क कागजों में बन चुकी है। इस रोड पर नाली का निर्माण और कलरफुल इंटरलॉकिंग कराकर इसका भुगतान करा लिया गया है। लेकिन धरातल पर आज भी इस सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे है। आज भी है सड़क अपनी बदहाली पर आंसू आ रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में इस तरह की कई सड़के हैं कि जिनका काम कागजों में करा कर भुगतान कर लिया गया है। इस गांव में सरकारी धन के दुरुपयोग और बंदर बाट का यह कोई इकलौता मामला नहीं है लिए हम आपको दिखाते हैं गांव के खलिहान में सरकारी योजनाओं के तहत बनाए गए कई निर्माण कार्य को। यह इस गांव के लोगों की सुविधा के लिए बनाया गया सार्वजनिक शौचालय है। इसे मानक विहीन बनाया गया। यह सामुदायिक शौचालय ग्रामीणों के लिए किसी काम का नहीं है । ग्रामीणों का आरोप है कि यह सामुदायिक शौचालय गांव के खलिहान में बनाया गया। वह भी गांव से काफी दूर। ग्रामीणों का कहना है कि जिस जगह शौचालय बना है, यहां पर बरसात के दिनों में करीब 10 फीट पानी लग जाता है। ऐसे में बरसात के दिनों में इसका इस्तेमाल कोई कर नहीं सकता।
ग्रामीणों ने कहा कि इस शौचालय को सड़क के किनारे ऊंचाई पर बनाया जाता तो वह इसका इस्तेमाल कर सकते थे । यही नहीं गांव के बाहर खेलकूद के लिए बनाया गया खेलकूद मैदान भी एनएच के लिए अधिग्रहण की गई भूमि में प्रधान द्वारा कराया गया है। जिस जगह पर खेल कूद का मैदान बनाकर लाखों रुपए खर्च किए गए वहां पर पहले से ही एनएच अधिग्रहण का पिलर लगा दिया गया था जो आज भी मौजूद है। बावजूद इसके ग्राम प्रधान ने वहां पर खेलकूद मैदान बनाकर मोटी रकम का बंदर बांट कर लिया। इसी तरह गांव में पहले से घूर गढ्ढे की जगह मौजूद है। उस जगह ग्राम प्रधान ने अपने चहेतों से मिट्टी खुदाई करा कर तालाब बना दिया है। जबकि मौजूदा समय में घूर गड्ढे का निर्माण खलिहान की जमीन पर उसी जगह कराया जा रहा है जहां पर थोड़ी सी बारिश होने पर कई फीट पानी लग जाता है।
ग्रामीणों का कहना है कि वह कई बार इसकी शिकायत बढ़नी ब्लॉक के संबंधित अधिकारियों से कर चुके हैं लेकिन उनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही उन्होंने कहा कि वह भी चाहते हैं कि गांव का विकास हो। लेकिन जो भी पैसा खर्च हो वह सही जगह पर हो। हालांकि इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी जयेंद्र कुमार ने कहां की अभी तक उनके पास इस तरह की ग्रामीणों द्वारा कोई भी शिकायत नहीं आई है। आज उन्हें इसकी जानकारी हो रही है इस पूरे प्रकरण की वे जांच कर कर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।