उत्तरकाशी। चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। पिछले 13 दिनों से टनल के अंदर फंसे श्रमिकों का स्वास्थ्य ठीक है। लगातार पाइप के जरिए श्रमिकों को खाना पहुंचाया जा रहा है। आज 14वें दिन उम्मीद की जा रही है सभी मजदूर सकुशल बाहर आ जाएंगे।
हमें धैर्य रखने की है जरूरत- एनडीएमए
उत्तरकाशी। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने कहा, “हमें थोड़ा धैर्य रखना पड़ेगा। काम करने वालों पर किसी प्रकार का दवाब नहीं डालना है। याद रखना है कि जहां भी काम हो रहा है वे खतरनाक है।”
बचाव अभियान का जायजा लेने के बाद सीएम धामी लौटे
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यहां फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए चल रहे बचाव अभियान का जायजा लेने के बाद सिल्कयारा सुरंग स्थल से रवाना हुए।
हर कोई दे रहा अपना सौ प्रतिशत: सीएम धामी
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रेस्क्यू पर बड़ा अपडेट दिया। उन्होंने कहा कि हर कोई काम कर रहा है। केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार और सभी एजेंसियां अपना सो प्रतिशत काम कर रही हैं। पीएम मोदी स्थिति और श्रमिकों की स्थिति को लेकर चिंतित हैं. हम उम्मीद कर रहे हैं और उम्मीद है कि ऑपरेशन जल्द से जल्द पूरा हो जाएगा।
बेंगलुरु से मंगाया गया है प्लाज्मा कटर
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सुरंग से श्रमिकों को निकालने पर सभी विकल्पों पर हो रहा विचार। ड्रिलिंग में फंसे मशीन के ब्लेड को तेजी से काटने के लिए बेंगलुरु से प्लाज्मा कटर मंगाया जा रहा। अभी एक घंटे में एक मीटर टुकड़े काटे जा रहे हैं। प्लाज्मा कटर से एक घंटे में 4 मीटर टुकड़ा काटा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू की जाएगी।
टनल में फंसे यूपी के संतोष ने जल्दी बाहर निकालने को कहा- यूपी राज्य समन्वयक अरुण कुमार
उत्तरकाशी। आज उत्तर प्रदेश से आए राज्य समन्वयक अरुण कुमार मिश्रा ने सुरंग के अंदर फंसे यूपी के आठ श्रमिकों से बातचीत की। सुरंग में फंसे उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जनपद के संतोष ने कहा कि मुझे बाहर निकालो।
सीएम धामी और मुख्यसचिव पहुंचे निरीक्षण करने
उत्तरकाशी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्यसचिव डा एस एस संधू पहुंचे टनल का निरीक्षण करने।
अब नहीं दिखेग ऑगर मशीन: अर्नोल्ड डिक्स
उत्तरकाशी। सिल्कयारा सुरंग बचाव अभियान पर अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि ऑगर मशीन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। अब कोई ऑगर मशीन नहीं होगी। उससे ड्रिलिंग संभव नहीं। अब दूसरे विकल्प ही रास्ता बचा है। वर्टिकल, दूसरे छोर से और मैनुअल खुदाई। यानि रेस्क्यू अभी लंबा खींचेगा
पीएम मोदी ने ली जानकारी
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 41 श्रमिकों के रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 14वां दिन है। पीएम मोदी ने एक बार फिर से सीएम धामी से रेस्क्यू के बारे में जानकारी ली है।
बाहर आए ऑगर ड्रिलिंग मशीन के क्षतिग्रस्त ब्लेड
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग से ऑगर ड्रिलिंग मशीन के क्षतिग्रस्त ब्लेड बाहर लाए गए।
बीआरओ की टीम पहुंचाएगी वर्टिकल ड्रिलिंग की मशीन
उत्तरकाशी। बीआरओ कर्मी वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए मशीनों को पहाड़ी की चोटी तक शीघ्रता से पहुंचाएंगे। एसजेवीएन और ओएनजीसी की टीमें सिल्कयारा सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर पहुंच गई हैं। ड्रिलिंग मशीन आते ही वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू हो जाएगा।
हादसे वाली जगह पर पहुंची वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन
उत्तरकाशी। सिल्कयारा सुरंग हादसे में रेस्क्यू के लिए पहुंची वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन। इस हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए लगातार 14वें दिन रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
होने जा रही है अहम बैठक, वर्टिकल ड्रिलिंग पर लिया जाएगा फैसला
उत्तरकाशी। खोज बचाव टीम से जुड़ी एजेंसियां अब वर्टिकल ड्रिलिंग पर विचार कर रही है। थोड़ी देर में मीटिंग साइट पर सबसे बड़ी बैठक होने वाली है। जिसमें वर्टिकल ड्रिलिंग शुरुआत करने का फैसला लिया जाएगा। ओएनजीसी, एसजीवीएनएल व बीआरओ अब वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी मे है।
अब वर्टिकल ड्रिलिंग किया जा रहा है विचार
उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों का खोज बचाओ अभियान निरंतर चल रहा है। मलबे में बनाई गई एस्केप टनल में गेट शुक्रवार शाम को ऑगर मशीन के कलपुर्जे क्षतिग्रस्त हुए। सुरंग में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि अब वर्टिकल ड्रिलिंग पर विचार किया जा रहा है। संभवतः आज ही वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू हो जाएगी। इसके लिए तैयारी भी की गई है। वर्टिकल ड्रिलिंग स्थल तक बीआरओ सड़क बना चुका है।
टीम को है एक ब्रेकथ्रू का इंतजार
उत्तरकाशी। देश और विदेश के एक्सपर्ट को मिलाकर बनाई गई रेस्क्यू टीम को बस एक ब्रेकथ्रू का इंतजार है। यानी टनल में 6-6 मीटर के दो पाइप जैसे ही अंदर जाएंगे, रेस्क्यू टीम को एक बड़ा मौका मिल जाएगा और सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के बाहर आने का रास्ता खुल जाएगा।
एस्केप टनल मशीन में आया मेटल, रूकी ड्रिलिंग
उत्तरकाशी। सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए बचाव अभियान 14वें में प्रवेश कर गया। गत शुक्रवार की शाम को ऑगर मशीन का काम रोका गया। श्रमिकों को निकालने के लिए बनाई जा रही एस्केप टनल मशीन में मेटल आने के कारण राहत कार्य रोका गया। एस्केप टनल में आए मेटल को गैस कटर से काटा जा रहा है। अब मेनवली मलबा हटाने को लेकर विचार किया जा रहा है।
श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने का अभियान देर रात तक जारी; मंजिल के और भी करीब पहुंच गया
श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने का अभियान देर रात मंजिल के और करीब पहुंच गया है। पिछले कई दिन से सुरंग में कैद श्रमिकों तक पहुंचने के लिए सिलक्यारा की तरफ से स्टील के पाइपों से लगभग 60 मीटर लंबी निकासी सुरंग बनाई जा रही है।
आस और उम्मीदों को मिल रही सांस
सिलक्यारा सुरंग में कई दिनों से कैद रहने वाले 41 श्रमिकों बाहर निकालने के प्रयास में शासन अपनाएगा नई रणनीती जिससे आस और उम्मीदों को सांस मिली है।
कुछ घंटों के भीतर अवरोध होंगे दूर
कुछ घंटों के भीतर अवरोधों को पार कर लिया जाएगा।, रात गहराने के साथ सरकारी मशीनरी की मुस्तैदी भी बढ़ती दिख रही। श्रमिकों की निकासी के लिए घटनास्थल पर एक्सपर्ट भी तैनात है ।
पल-पल नई चुनौतियों का करना पड़ रहा सामना
उत्तराखंड के सिलक्यारा में 13 दिन से फंसी 41 जिंदगियों को बाहर निकालने का अभियान पल-पल परीक्षा ले रहा है। पिछले तीन दिन से धीमा पड़ा बचाव अभियान जैसे ही गति पकड़ता है, वैसे ही दूसरी चुनौती सामने आ जाती है।
सुंरग में तेजी से चल रहा अभियान
जारी है श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयास, सुंरग में तेजी से चल रहा अभियान। जल्द मिल सकता है नया अपडेट
उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर ने दी जानकारी
उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, “अभी स्थिति काफी ठीक है। कल रात हमें दो चीज़ों पर काम करना था। सबसे पहले, हमें मशीन के प्लेटफॉर्म का पुनर्गठन कर दिया और इसके बाद पाइप पर जो थोड़ा दबाव था उसे काटने का काम चल रहा है ये पूरा हो जाने के बाद हम ऑगर ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू करेंगे। पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार से जो अध्ययन किया है उसे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक कोई धातु अवरोध नहीं है। इसका मतलब है कि हमारी ड्रिलिंग सुचारू होनी चाहिए।
कल तक ही पाएगा रेस्क्यू कंप्लीट
सिलक्यारा से लौटे एनएचआइडीसीएल के एमडी महमूद और नोडल अफसर डॉ नीरज खैरवाल। अब रेस्क्यू के शनिवार तक ही संपन्न होने की उम्मीद है।